वह अपनी पोजीशन बदल ही रहा था कि एक गोली उसके पेट को चीरते हुए निकल गई। गोली लगने की बात पता चलने के बाद भी आदित्य ने गिरते-गिरते उस नक्सली को मार गिराया। यही नहीं साथियों को आदित्य ने इशारा किया कि वह ठीक है, कार्रवाई जारी रखें। साथियों को बाद में पता चला कि वह बेहद गंभीर हालत में है और जीवन- मृत्यु के बीच भी संजीदगी से देशभक्ति का काम करने जुटा हुआ है।