
BSP Leader Mayawati
बस्ती. दलित समाज में राजनीतिक चेतना जगाने के लिए जिन सिपहसलाकारों के साथ मिलकर कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी का गठन किया था। वे सभी नेता धीरे-धीरे इस पार्टी से अलग हो रहे हैं। जिनमें से एक है बीएसपी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद जो बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिए। इनके इस फैसले से मायावती को तगड़ा झटका लगा है।
उत्तर प्रदेश की बस्ती लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। लालमणि ने गुरूवार को अपना इस्तीफा बसपा अध्यक्ष मायावती को भेज दिया था। बसपा पार्टी के नितिओं ,रितियों से असंतुष्ट होकर सांसद ने पार्टी छोड़ दी। आरोप लगाया कि बाबा साहब अम्बेडकर, माननीय काशीराम का मूमेंट वर्तमान पार्टी के विचारों से तालमेल नहीं हो रहा है, जिससे पार्टी के कार्यकताओं और समर्थकों में असन्तोष की भावना बढ़ रही है, कहा कि सपा-बसपा गठबंधन टूटना दोनों पार्टियों के लिए घातक हो गया है। दूसरे पार्टी में शामिल होने के अटकलों पर विराम लगाते हुआ कहा कि अपने सभी मेम्बरों और अपने समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद ही कुछ निर्णय लेंगे, तब तक जनता और समर्थको के साथ सेवा का काम करते रहेंगे।
लालमणि प्रसाद का राजनीतिक सफर
बसपा के शुरुआती दौर से ही लालमणि पार्टी के साथ जुड़े थे। लालमणि पहली बार 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और विधायक बने। इसके बाद 1996 में हुए विधानसभा चुनाव में दोबारा बसपा से विधायक बनने में सफल रहे। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें बस्ती संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया और वह जीतकर संसद पहुंचे।
इसके बाद बसपा ने 2009 में उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद से लालमणि लगातार बसपा के संगठन का काम देख रहे थे। ऐसे में 2019 के लोकसभा चुनाव में बस्ती से चुनावी किस्मत आजमाना चाहते थे, लेकिन इस बार भी मायावती ने उन्हें निराश किया।
BY- Satish Srivastava
Published on:
20 Sept 2019 04:36 pm
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