12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

OMG पीएम मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती हुए बगैर ही करा दिया प्रसव

Highlights जिलाधिकारी ने पूरे मामले से शासन काे अवगत कराया जांच में 50 से अधिक महिलाओं के फंसने की आशंका

2 min read
Google source verification
OMG पीएम मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती हुए बगैर ही करा दिया प्रसव

OMG पीएम मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती हुए बगैर ही करा दिया प्रसव

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

बस्ती ( Basti ) अभी तक आपने पति के जिंदा रहते हुए विधवा पेंशन लेने और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर कर्ज से बचने के अलावा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने जैसे फर्जीवाड़ों के बारे में सुना हाेगा लेकिन यह मामला बिल्कुल अलग है। इस बार ( pm modi ) पीएम मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए 50 से अधिक महिलाओं का गर्भवती हुए बगैर ही प्रसव करा दिया गया।

यह भी पढ़ें: 11 साल पहले व्यापारी ने किया था 49 लाख का फर्जी क्लेम, शिकायत पर पुलिस ने अब किया गिरफ्तार

यानी बगैर पर गर्भ धारण किए ही महिलाओं काे मां बना दिया। यह सब खेल स्वास्थ्य विभाग की प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ लेने के लिए खेला गया। इस तरह फर्जी लाभार्थी दिखाकर याेजना के तहत सरकारी याेजना के तहत ( government scheme ) रुपए निकाल लिए गए। शिकायत होने पर अब जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच कराए जाने काे कहा है। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश भी दिए हैं।

यह भी पढ़ें: रामपुर में पुलिस पर पथराव, चौकी इंचार्ज ने भागकर जान बचाई, डीजे बंद कराई गई थी पुलिस टीम

जिलाधिकारी की इस कार्रवाई के बाद अब आरोपियों में खलबली मची हुई है।
यह पूरा मामला पीएचसी सलटौवा का है। घटनाक्रम के मुताबिक पिछले दिनों पीएससी सल्टाैआ में ऑनलाइन 50 आवेदन स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुए थे। यह सभी आवेदन सेल्फ पंजीकरण के थे। पीएचसी के ऑपरेटर ने जब इन आवेदन पत्रों की जांच की तो उसे मामला कुछ अटपटा सा लगा। ऑपरेटर ने इन सभी आवेदन पत्रों के फर्जी होने की आशंका जताते हुए प्रभारी को सूचित किया।

यह भी पढ़ें: पुलिस पर हमला, महिला कांस्टेबल समेत चार पुलिसकर्मी घायल, दबिश देने गई थी टीम

इस तरह प्रथम दृष्टया इन सभी आवेदन पत्रों को फर्जी मानते हुए निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद पूरा मामला जिला अधिकारी के पास पहुंचा इतने बड़े घोटाले को देखते हुए जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के लिए भी कहा। डीएम के इस एक्शन के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों में खलबली मची हुई है। बस्ती में अगर फर्जीवाड़े का यह खेल उजागर होता है तो इसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं।