कहा जाता है कि पूरे जिले में राजकिशोर के नाम का सिक्का चलता है और डीएम, एसपी से लेकर थानेदार तक की पोस्टिंग व ट्रांसफर में उनकी दखलंदाजी रहती थी। राजकिशोर ने सत्ता के बल पर अपने बेटे को जिला पंचायत अध्यक्ष और भाई को उर्जा विभाग का सलाहकार बनाया । विधायक की संपत्ति दिन दूनी, रात चौगुनी जब बढ़ने लगी तो यह बात सीएम तक पहुंच गयी। यूपी से दिल्ली और मुबंई जैसे मेट्रो शहरों में जमीन की खरीद फरोख्त ने राजकिशोर सिंह को सबकी नजरों में ला दिया। आरोपों के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार के आरोप में जब इन्हें बर्खास्त किया तो प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया।