लेकिन जब राजकिशोर की सम्पत्ति दिन दोगुनी और रात चैगुनी बढ़ने लगी, तो इस बात की जानकारी सीएम तक भी पहुंची। यूपी से लेकर दिल्ली और मुबंई के इलाको में जमीन की खरीद फरोख्त ने राजकिशोर सिंह को सबकी नजरो में ला दिया और इस बात की शिकायत गोपनीय तौर पर केन्द्र सरकार से हो गई। जब तक राजकिशोर के काले धन की जांच शुरू होती, उससे पहले ही मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने कैबिनेट से ही टर्मिनेट कर दिया। राजकिशोर सिंह का 14 साल से अधिक का राजनीतिक कैरियर काफी उतार चढ़ाव रहा है। इस दौरान जहां उन्होंने लगातार जीत दर्ज कर क्षेत्र में कद्दावर और दबंग नेता की पहचान कायम की, तो वहीं उन पर बसपा शासनकाल में गैंगेस्टर एक्ट भी लगा। उन पर परिवार के लोगों को राजनीति में बढ़ाने के साथ ठेको में दखलअंदाजी करने का आरोप लगा।