महिलाओं में हेयर लॉस के दो मुख्य पैटर्न हैं-
फीमेल पैटर्न हेयर लॉस : इस मामले में बाल कम या थोड़ा अधिक मात्रा में झड़ते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बाल पतले होने लगते हैं।
टेलोजन एफ्लुवियम : इसमें बाल अचानक से बहुत ज्यादा झड़ने लगते हैं, इस स्थिति में प्रति दिन के हिसाब से सौ बाल गिरते हैं।
बालों के गिरने या कमजोर होने का मुख्य कारक 1800 कैलोरी से नीचे की डायट है। इसके अलावा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टायफाइड जैसी बीमारियां भी बालों के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित करती हैं। इसके साथ ही आयरन, विटामिन बी12, विटामिन डी और फेरिटिन का कम होना भी बालों के गिरने के लिए जिम्मेदार है।
पीसीओएस (पॉलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम) और एंड्रोजन (पुरूष हार्मोन) की अधिक मात्रा जैसी हार्मोन्स की असामान्य स्थिति का भी नकारात्मक प्रभाव बालों पर पड़ता है, इसलिए इनकी जांच कराई जानी चाहिए। बालों के झड़ने से महिलाएं मानसिक तौर पर काफी ज्यादा प्रभावित होती हैं, ऐसे में इनसे दूर रहने या छुटकारा पाने के लिए अपने खान-पान में जिंक, आयरन, बायोटिन, अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्वों को जरूर शामिल करें।