
sunscreen : इस सुहावने मौसम में निकलेंगे तो झुलस जाएगी त्वचा
बारिश के सुहावने मौसम में अक्सर बादल छाये रहते हैं। ठंडी हवाएं भी चलती हैं और अक्सर युवा मस्ती के लिए यूं ही बाहर निकल पडते हैं। ऐसा मानते हैं कि अल्ट्रावायलेट किरणें नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। लेकिन सच यह नहीं है। इस दौरान भी 80 प्रतिशत तक अल्ट्रावायलेट किरणें धरती तक पहुंच जाती हैं। यह त्वचा को धूप के जैसा ही नुकसान पहुंचाती हैं। इससे बचने के लिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो स्किन को नुकसान होता है।
चार घंटे ही रहती है प्रभावी
सनस्क्रीन त्वचा को अल्ट्रावायलेट दुष्प्रभाव से बचाती है। यह दो प्रकार की - केमिकल व फिजिकल होती है। केमिकल सनस्क्रीन से कई बार दिक्कत भी हो सकती है। फिजिकल सनस्क्रीन नॉन रिएक्टिव होती है। एक सनस्क्रीन चार घंटे तक त्वचा पर प्रभावी होती है। इसे दिन में तीन-चार बार लगाना चाहिए।
कितना एसपीएफ जरूरी है
सामान्यत: 2.5 मि.ली. सनस्क्रीन की जरूरत होती है। सामान्यत: 26, 30 एसपीएफ की जरूरत होती है। सन एलर्जी होने पर ही 50 एसपीएफ की क्रीम लगानी चाहिए।
एक्सपर्ट : डॉ. अमित तिवारी, डर्मेटोलॉजिस्ट, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर
Published on:
15 Aug 2019 03:39 pm
बड़ी खबरें
View Allसौंदर्य
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
