scriptमोबाइल स्क्रीन ज्यादा देखने से होता ये खतरनाक रोग | This dangerous disease is caused due to excessive viewing of mobile | Patrika News

मोबाइल स्क्रीन ज्यादा देखने से होता ये खतरनाक रोग

locationजयपुरPublished: Sep 08, 2019 06:20:38 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

मोबाइल स्क्रीन ज्यादा देखना, गैस की आंच के सामने रहना और कंप्यूटर स्क्रीन से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेज से चेहरे का रोग मेलास्मा झाइंयों का कारण है। यदि आप इसके नुकसान से अनजान हैं तो आज से इसका कम से कम प्रयोग करें और बचाव के लिए कदम उठाएं।

 melasma

मोबाइल स्क्रीन ज्यादा देखने से होता ये खतरनाक रोग

मोबाइल, कंप्यूटर की स्क्रीन से निकलने वाली विकिरण सीधे चेहरे पर अटैक करती है क्योंकि चेहरे की त्वचा बेहद कोमल होती है। लगातार अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के संपर्क में रहने से गाल, नाक और माथे पर काले-काले घाव बनने लगते हैं। किसी में ये हल्के तो किसी-किसी में बहुत डार्क होते हैं। महिलाओं और गर्भवती में मेलास्मा रोग अधिक पाया जाता है क्योंकि वो नियमित गैस की आंच के संपर्क में रहती हैं। तो गर्भावस्था के दौरान उनमें हॉर्मोन बदलाव होते हैं। इसमें त्वचा का रंग बनाने वाले मेलोनोसाइट्स रिसेप्टर्स प्रोजेस्ट्रॉन असंतुलित हो जाता है जिससे से ये बीमारी होती है। इस रोग की चपेट में 20 से 50 वर्ष तक की महिलाएं अधिक आती हैं। Melasma पुरूषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है। जो लोग कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते हैं वो स्क्रीन पर अल्ट्रा वॉयलेट रेज गार्ड लगाएं तो बीमारी दूर रहेगी। समय पर इलाज के साथ जरूरी सावधानी बरती जाए तो इससे छुटकारा मिल सकता है।

गर्भनिरोधक दवाएं भी कारण
महिलाएं गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल उन्हें Melasma का रोगी बनाता है। लगातार दवाओं खाने से त्वचा की सेहत बिगड़ती है। जैसे ही महिला कड़ी धूप, गैस की आंच या अन्य तरह से निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेज के संपर्क में आती है उसके चेहरे की त्वचा खराब होने लगती है जो कुछ समय के भीतर झाईंया बनकर सामने आती है। इसके अलावा मिर्गी का दौरा रोकने के लिए फेनिट्यॉन दवा का प्रयोग होता है जिससे भी मेलास्मा रोग होने का खतरा बना रहता है।

तनाव और खून की कमी भी कारण
गर्भावस्था के दौरान तनाव और खून की कमी भी Melasma का कारण बनता है। तनाव से चेहरे की त्वचा कमजोर होने लगती है। इस दौरान जैसे ही महिला विकिरण के संपर्क में आती है उसे मेलास्मा की शिकायत हो जाती है। गर्भावस्था में खून की कमी आम बात है। इस वजह से चेहरे की त्वचा को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते हैं जिसकी वजह से ये तकलीफ होती है।

सन प्रोटेक्सन क्रीम मेलास्मा से रखेगा दूर
Melasma का इलाज बहुत आसान है। अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सन प्रोटेक्सन क्रीम लगाना बहुत जरूरी है। गैस की आंच के पास कम से कम खड़े हों। कोशिश करें की धूप में कम निकलें। अगर निकलते हैं तो छाता लगाकर जाएं और चेहरे को ढ़क कर रखें जिससे धूप से निकलने वाली किरणें चेहरे को नुकसान न पहुंचा सके।

अनार, सेब और योग से Melasma रहेगा दूर
Melasma से बचना है तो अनार और सेब का सेवन अधिक करना चाहिए। इसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा होती है। मेलास्मा ने चेहरे को बहुत अधिक घेर लिया है तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन की गोली खानी चाहिए। आयरन की कमी दूर होगी तो ये रोग धीरे-धीरे कम हो जाएगा। इसके साथ ही सुबह की सैर के साथ सूर्य नमस्कार और भुजंगासन योग विशेषज्ञ की सलाह पर किया जाए तो फायदा मिलेगा। पानी भी अधिक मात्रा में पीने से ये बीमारी दूर रहती है।

– डॉ. पुनीत भार्गव, स्किन स्पेशलिस्ट, एसएमएस, जयपुर

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