
अगर हम कुछ हब्र्स अपने खान-पान में शामिल करें तो भीतरी मजबूती बढ़ा कर एजिंग के लक्षणों पर ब्रेक लगाया जा सकता है।
एजिंग एक कुदरती प्रक्रिया है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर के अंग भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं। ऐसे में ऊपरी चमक-दमक बढ़ाने वाली क्रीम या लोशन लगाना व्यर्थ है। अगर हम कुछ हब्र्स अपने खान-पान में शामिल करें तो भीतरी मजबूती बढ़ा कर एजिंग के लक्षणों पर ब्रेक लगाया जा सकता है।
जिनसेंग -
यह हर्ब स्किन और मसल्स की टोनिंग करती है। इसके नियमित सेवन से पाचन प्रणाली दुरुस्त होती है और भूख खुल कर लगती है।
हल्दी -
हल्दी शरीर के टिशू डैमेज होने से रोकती है। यह प्रभावशाली एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी-डीजेनेरेटिव है। हल्दी झुर्रियों, दाग-धब्बों एवं एजिंग के अन्य संकेतों पर कंट्रोल रखती है।
अश्वगंधा -
आयुर्वेद में इसे यौवनशक्ति बढ़ाने वाली जड़ी माना गया है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। मानसिक रोग दूर करके यह शरीर को स्वस्थ रखती है। एनर्जी लेवल बढाती है और जोड़ों-पीठ के दर्द से भी राहत दिलाती है।
तुलसी -
तुलसी एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल एवं एंटीइनफ्लेमेटरी हर्ब है। इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। इम्यून सिस्टम दुरुस्त रखने, डायबिटीज से बचने एवं स्वस्थ रहने के लिए इसका सेवन करना चाहिए
बल्कुवारी -
जिन्कगो यानि बल्कुवारी पर हुए शोध पुष्टि करते हैं कि यह जड़ी मष्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ाने में सक्षम है। अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसे स्मरण शक्ति से जुड़े रोगों में भी इसका सेवन फायदेमंद होता है।
Published on:
13 Jan 2019 04:39 pm
बड़ी खबरें
View Allसौंदर्य
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
