न्यूनतम व मनरेगा मजदूरी छह सौ रुपए प्रतिदिन मिले
-मजदूरों ने धूमधाम से मनाया नरेगा दिवस
ब्यावर
Published: February 15, 2021 09:03:29 pm
ब्यावर. चांग गेट पर मंगलवार को राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन और मजदूर किसान शक्ति संगठन से जुड़े मजदूरों ने धूमधाम से नरेगा दिवस मनाया। 2 फरवरी 2006 से नरेगा कानून लागू किया गया था। जिसे लागू हुए 15 वर्ष का समय हो गया लेकिन जो समस्याएं इसके शुरुआती दौर में थी वहीं आज भी बनी हुई है। इस विषय पर वक्ताओं ने विचार रखे। न्यूनतम एवं नरेगा मजदूरी प्रतिदिन छह सौ रुपए किए जाने की मांग उठाई।इस मौके पर चांग गेट पर आयोजित सभा में मजदूर किसान शक्ति संगठन के संस्थापक सदस्य निखिल डे ने कहा कि नरेगा को लागू हुए डेढ़ दशक हो गया लेकिन समस्याएं जश की तश बनीं हुई हैं। आज भी लोगों को काम के आवेदन की रसीद नहीं मिलती है। उसी प्रकार नरेगा मजदूरी और राज्य की न्यूनतम मजदूरी बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सातवें वित्त आयोग ने अनुशंसा की थी कि किसी को भी 18 हजार से कम महीने का नहीं दिया जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने आज सभा में कहा कि नरेगा में और राज्य की न्यूनतम मजदूरी कम से कम 600 रुपए प्रति दिन की जाए। इसका सभी उपस्थित मजदूरों ने समर्थन किया। इस मौके पर नरबद खेड़ा से आई अनुराधा देवी ने कहा कि लॉकडाउन में सभी लोग लौटकर घर आ गए और कोई दूसरा काम नहीं है इसलिए केंद्र सरकार को दिनों की गारंटी कम से कम इस वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त 50 दिन और अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 200 दिन की गारंटी दी जाए। निकाली रैली सौपा ज्ञापनचांग गेट से श्रमिक रैली शुरु हुई। यह रैली पाली बाजार, एकता सर्किल, महादेवी की छत्री, अजमेरी गेट होते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंची। रैली के दौरान मजदूरों ने न्यूनतम मजदूरी 600 रुपए किए जाने और 200 दिन किए जाने से संबंधित नारे लगाए। इस दौरान उपखंड अधिकारी को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा।रैली उपखंड कार्यालय पहुंची वहां पर भी सभा हुई।

न्यूनतम व मनरेगा मजदूरी छह सौ रुपए प्रतिदिन मिले
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
