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इसलिए ब्यावर का है बड़ा नाम

जिला तक नहीं बन पाया, घटता जा रहा है वर्चस्व

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इसलिए ब्यावर का है बड़ा नाम

इसलिए ब्यावर का है बड़ा नाम


पत्रिका न्यूज नेटवर्क
ब्यावर.
ब्यावरवासियों ने हाल ही में १८४ वां स्थापना दिवस मनाया।मेरवाड़ा एस्टेट के समय में मुख यालय वाले शहर ब्यावर का वर्चस्व दिनों दिन घटता जा रहा है। इसका अन्दाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1956 में ही जिला बनाने की सहमति होने के बावजूद अब तक जिला नहीं बन पाया है।
कर्नल जार्ज डिक्सन ने एक फरवरी 18 36 को ब्यावर की स्थापना की आधारशिला रखी। वर्ष 18 39 ई.में 144 मेरवाड़ा बटालियन की मौजूदगी में मेरवाड़ा स्टेट की घोषणा की गई। इस स्टेट का मुयालय ब्यावर शहर को बनाया गया। 25 जून 18 57 ई.मृत्यु पर्यन्त तक डिक्सन मेरवाड़ा व अजमेर संयुक्त अंग्रेजी स्टेट के कमिश्नर व सुपरिन्टेन्डेंट रहे। एक नवबर 1956 को केन्द्र सरकार की सर्वानुमति से राजस्थान प्रदेश में मिलाते समय अजमेर को जिले के साथ राजस्थान की राजधानी और मेरवाड़ा अर्थात ब्यावर राज्य को जिला बनाना तय हुआ था। इसी मसौदे के तहत इन दोनों प्रदेशों ने राजस्थान प्रदेश में मिलने की रजामंदी दी थी। लेकिन राजस्थान की तत्कालीन सुखाडिय़ा सरकार ने केन्द्र सरकार के निर्णय के विरुद्ध अजमेर को राजस्थान की राजधानी न बनाकर मात्र जिला और मेरवाड़ा अर्थात ब्यावर को मात्र उपखंड बना दिया। तब से लेकर अब तक ६२ वर्ष 5 महीने 16 दिन बीत गए लेकिन प्रदेश का मेनचेस्टर माने जाने वाले ब्यावर शहर को लगातार बर्बादी का दंश और पतन का मंजर झेलना पड़ रहा है।
'सÓ श्रेणी का स्वतंत्र प्रदेश
एक मई 18 6 7 ई.में ब्रिटिशराज ने, मेरवाड़ा स्टेट के ब्यावर में शासन प्रशासन की दृष्टि से कमिश्नरी राज (प्रजातांत्रिक गणराज्य) की स्थापना की जो भारत की स्वतंत्रता 14 अगस्त 1947 तक अक्षुण्ण कायम रही। बाद में मेरवाड़ा व अजमेर संयुक्त रूप से एक स्वतंत्र भारत का केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। सन् 1952 ई.में भारत सरकार की ओर से इसे मेरवाड़ा अजमेर संयुक्त नाम से 'सÓ श्रेणी का स्वतंत्र प्रदेश घोषित किया गया।
1951 तक रहा केन्द्रशासित प्रदेश
15 अगस्त 1947 से पहले उपरोक्त मेरवाड़ा और अजमेर अंग्रेजी कमिश्नरी के स्वतंत्र ब्रिटिश हुकूमत का प्रदेश रहा। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वर्ष 1951 तक भारत का केन्द्र शासित प्रदेश रहा। फिर दोनों प्रदेश संयुक्त रूप से 1952 से भारत गणराज्य के 31 अक्टूबर 1956 तक 'सÓ श्रेणी का अन्य प्रदेशों के साथ स्वतंत्र राज्य रहा।