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इस साल जिले के 67 कैंसर पीडि़तों ने सीएम संजीवनी कोष से मांगी मदद

मुख्यमंत्री संजीवनी कोष से जरूरतमंद को मिलती है डेढ़ से तीन लाख रुपए तक की मदद, सात दिनों में भरकर देना होता है आवेदन

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Chhattisgarh analytical news, CM Sanjeevani Fund

बेेमेतरा . जिले में गंभीर रोग के रोगियों की संख्या पूर्व की अपेक्षा अधिक मिल रहे हैं। कैंसर, हृदय रोग व किडनी रोग के इलाज के लिए मदद मंगने वालों का जिला कार्यालय व जिला हास्पिटल में एक महिने में दर्जनों आवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है। इन रोगों के पीडि़तों की संख्या 3 साल में इस साल सबसे अधिक है। जिले में इस वर्ष अब तक 72 मरीजों ने कैंसर से इलाज के लिए मदद मांगी है।
306 लोगों लगाई है मदद की गुहार
बताना होगा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ विभाग के पास जारी वर्ष में अब तक 306 मरीजों ने संजीवनी कोष से मदद के लिए गुहार लगाई है। इससे पूर्व 286 मरीज व 2015 के दौरान 192 मरीजों ने मदद मांगी। मदद मांगने वाले ज्यादातर लोगों में गंभीर रोग से पीडि़त हैं। जिसमें हृदय रोग, कैंसर व किडनी की बीमारी से ग्रसित मरीज सबसे अधिक हैं। इन तीनों के आलावा हादसे के बाद इलाज आंख में रोग, रीढ़ की हड्डी का रोग, अल्सर व टयूमर सहित सूचीबद्ध मरीजों ने मदद मांगी है।
30 सूचीगत बीमारी के उपचार की व्यवस्था
बताना होगा कि संजीवनी कोष में ऐसे लोगों ने मंदद मांगी है जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हैं। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के कार्डधारी हितग्राहियों को 30 सूचीगत बीमारी के उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती है। जिसके तहत मरीजों को शासन द्वारा मदद के तौर पर अधिकतम सहायता राशि 1.5 लाख रुपए दी जाती है, लेकिन हेड इन्ज्यूरी एवं गुर्दा प्रत्यारोपण के लिए 2 व 3 लाख रुपए की मदद की जाती है।

गरीबों को मिलता है योजना का लाभ
दुर्घटना एवं आपात स्थिति में पात्र मरीज पंजीकृत व अपंजीकृत अस्पताल में भर्ती होकर उपचार करा सकता है। जिसके लिए मरीज को 7 दिवस के अंदर अपना आवेदन पत्र पूर्ण कर राज्य नोडल शाखा संजीवनी कोष में जमा करना होता है। जिला प्रशासन के पास प्रस्तुत किए गए आवेदन गरीबी रेखा के दायरे मे आने वालों का है। इनके आलावा कई मरीज ऐसे भी है जो कि प्रशासन के पास मदद के लिए गुहार लगाने की बजाए स्वयं खर्च कर इलाज करा रहे हैं। जिनका आंकड़ा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है पर जिस तरह से तीनों गंभीर रोग के मरीज सामने आ रहे हैं, वह भी जिले के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता।
दो साल पहले 19 से बढ़कर 67 तक पहुंचा कैंसर पीडि़तों का आंकड़ा
संजीवनी कोष से मदद मांगने वालों में 2015 के दौरान कैंसर के 19 मरीजों ने मदद के लिए गुहार लगाई थी। इसके बाद 2016 के दौरान 62 मरीजों ने आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसके बाद जारी वर्ष में दो माह शेष रहते 67 मरीज संजीवनी के लिए मदद मांग चुके हैं। इसके आलावा अन्य गंभीर रोग के मामले में 2015 में हृदयरोग के 80 रोगी, 2016 मे 101 व 2017 -18 मे 92 रोगियों ने मदद के लिए गुहार लगाई है। जिले में संजीवनी कोष में मदद मांगने वालों में दिल के मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। हालत ये है कि प्रस्तुुत किए जाने वाले आवेदनों में 40 फीसदी के करीब आवेदन हृदय रोग के पीडि़तों का रहता है।
दो साल में किडनी रोग से 41 लोग हुए पीडि़त
दोनों रोग के अलावा जिले मे दो साल के दौरान किडनी रोग के इलाज के लिए मदद करने का आवेदन प्रस्तुत किया गया है। जिसमें 2016 में 17 व 2017 में 24 मरीजों ने मदद मांगी है। जिस तरह से जिले के बेमेतरा, साजा, नवागढ़ व बेरला विकासखंड से संजीवनी कोष से मदद मांगने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। उसी तरह तीनों गंभीर बिमारियों के मरीज भी अधिक हुुए हैं।
तंबाकू व गुटखा की लत के कारण बढ़ रहे कैंसर के मरीज
इस संबंध में बेमेतरा सीएमएचओ डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि पूर्व की अपेक्षा जिले में कैंसर रोग के पीडि़तों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिसके पीछे लोगों का रहन-सहन प्रमुख कारण है। जिले में गले के कैंसर के मरीज अधिक मिल रहे हैं। जिसके पीछे गुटखा खाने की लत बढ़ा कारण है। लोगों को तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करना चाहिए। हम लोगों को जागरुक करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाते हैं।