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सूखे की मार झेल, मेहनत की उपज लेकर मंडी पहुंचे किसान, शुरू हुई आज से समर्थन मूल्य में धान खरीदी

जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी बुधवार से शुरू हो गई।

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Bemetara

बेमेतरा. जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी बुधवार से शुरू हो गई। देवरबीजा मंडी में किसान और मंडी सदस्यों ने मिलकर पूजा अर्चना की। जिसके बाद पहले दिन 1500 किसानों को टोकन बांटा गया। इसके साथ ही जिले के 86 केंद्रों में धान की आवक शुरू हो गई है। गौरतलब हो कि 15 नवम्बर से 31 जनवरी 2018 तक धान खरीदी किया जाएगा। इसके लिए जिले में 54 सहकारी समितियों के अंतर्गत 86 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं।

किसानों से सुव्यवस्थित धान खरीदी सुनिश्चित करने के लिए राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों का हवाला देते हुए कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में धान की खरीदी नए एवं पुराने बारदानों में 50- 50 के अनुपात में किया गया है। प्रदेश के बस्तर एवं सरगुजा संभाग के जिलों को छोड़कर शेष संभाग के जिलों के खरीदी केन्द्रों में धान के नियंत्रित एवं व्यवस्थित रूप से उपार्जन हेतु किसानों को टोकन जारी कर धान की खरीदी की जा रही है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अवधि 15 नवम्बर से 31 जनवरी 2018 तक निर्धारित की गई है। किसान उक्त अवधि में किस्मवार कॉमन एवं गे्रड ए किस्म का धान खरीदी केन्द्रों में लाकर विक्रय कर सकते है। । किसान अपनी उपज का धान अधिकतम तीन बार विक्रय कर सकता है। अर्थात किसान अपना धान तीन-तीन अलग दिनांक में लाकर विक्रय कर सकता है। कलेक्टर ने जिले में धान खरीदी से संबंधित विभागों के अधिकारियों को शासन के उक्त निर्देशों को सहकारी समिति एवं उपार्जन केन्द्रों में बैनर एवं पोस्टर के माध्यम से किसानों की जानकारी हेतु प्रचारित करने के निर्देश दिए है।

किसानों को टोकन मिलने के 48 घंटे के बाद होगी खरीदी
शासन द्वारा कामन धान प्रति क्ंिवटल 1550 रुपए और ए गे्रड धान की कीमत प्रति क्ंिवटल 1590 रुपए निर्धारित की गई है। उक्तजानकारी देते हुए खाद्य अधिकारी भूपेन्द्र मिश्रा ने बताया कि शासन द्वारा इस वर्ष खरीदी नीति में की गई परिर्वतन के अनुसार धान खरीदी केन्द्रों में कृषकों को असुविधा न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी केन्द्र में टोकन व्यवस्था रखी गई है। यह टोकन किसानों को धान बेचने के 48 घंटे पूर्व समिति द्वारा जारी किया जाएगा। इसी प्रकार एक कृषक अपनी उपज का धान अधिकतम तीन बार बेच सकता है।