
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन अनिवार्य ( Patrika File Photo )
Dhan Kharidi: शासन की ओर से मठों और मंदिरों के खेतों में उपजाए गए धान को समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्रतिबंध लगाया है। वहीं अब इस रोक के खिलाफ प्रदेश का संत समाज और मंदिरों के संचालक विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुट गए हैं।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अचानक एक फरमान जारी कर प्रदेश के मठों और मंदिरों की उपज, विशेषकर धान को सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीदने पर रोक लगा दी थी। यह निर्णय सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से लागू किया गया था। इस फैसले के विपरीत, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के डॉ. रमन सिंह के तीनों कार्यकालों में मठों और मंदिरों की उपज को सरकारी मंडियों में समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता था।
Dhan Kharidi: इस फैसले के खिलाफ संत समाज और मठ-मंदिरों के संचालकों ने कई बार सरकार से इस प्रतिबंध को वापस लेने की मांग की है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रदेश स्तरीय बैठक रायपुर के सदाणी दरबार में आयोजित की गई थी। इससे पहले, अमरकंटक में भी इसी विषय पर एक बैठक आयोजित की गई थी, जहां सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया गया।
राधाकृष्ण जमात मंदिर थानखहरिया के महंत बसंत दास वैष्णव ने भेंटवार्ता के दौरान बताया कि अगर सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो संत समाज प्रदेश भर में आंदोलन करने के लिए तैयार है। उनका कहना है कि यह निर्णय धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थाओं के प्रति अन्याय है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संत समाज ने मांग की है कि सरकार तुरंत इस फैसले को वापस ले और मठों और मंदिरों की उपज को फिर से समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था बहाल करे, हालांकि इस व्यवस्था पर सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है लेकिन जल्द ही अमल नहीं होने पर आने वाले समय में संत समाज एवं पुजारियों द्वारा प्रदेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की बात कही गयी है।
Published on:
24 Nov 2024 12:45 pm
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