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स्कूलों में बंद हो अंडा और प्रदेश में लागू की जाए शराबबंदी – आचार्य प्रकाश मुनिनाम साहेब

कबीर पंथ के आचार्य पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से स्कूलों में अंडा वितरण को बंद करने कहा।

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स्कूलों में बंद हो अंडा और प्रदेश में लागू की जाए शराबबंदी - आचार्य प्रकाश मुनिनाम साहेब

स्कूलों में बंद हो अंडा और प्रदेश में लागू की जाए शराबबंदी - आचार्य प्रकाश मुनिनाम साहेब

बेमेतरा . कबीर पंथ के आचार्य पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से स्कूलों में अंडा वितरण को बंद करने कहा। क्योंकि स्कूलों में शिक्षा दी जाती है। मैं और कंबीरपंथी इसके विरोधी हैं। हमने इसका सड़क पर उतर कर विरोध किया था, करते हैं और करते रहेंगे। कबीर पंथ में अंडा खानपान में स्वीकार नहीं है। विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए नारे की भी मुख्यमंत्री को याद दिलाई। पंथश्री प्रकाश मुनि साहेब ग्राम लोलेसरा में पंथश्री उग्रनाम साहेब की स्मृति में आयोजित संत समागम मेला में बोल रहे थे। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मंच में मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने पंथश्री से आशीर्वाद भी लिया।

कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर
पंथश्री प्रकाश मुनि साहेब ने कहा कि लोगों को लगता है कि साहेब किसी व्यक्ति विशेष या पार्टी विशेष का समर्थन करते हैं, लेकिन यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने बताया कि मैं कबीर के वंश से हूं। कबीर की साखी बोल कर कहा कि कबीरा खड़ा बाजार में, मांगे सबकी खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर। पंथश्री ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल शराबबंदी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि यह बात आपको ध्यान में होगी।

संत कबीर ने हिंदू और मुस्लिम की एकता का संदेश दिया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संत कबीर को आज भी प्रासंगिक बताया। किसी महापुरुष का जन्म उस समय के सवालों के जवाब देने के लिए होता है। संत कबीर का जन्म 600 साल पहले काशी में हुआ था। उस समय मुगलों का साम्राज्य स्थापित हो चुका था। इसके बावजूद संत कबीर ने उस समय मूर्ति उपासक हिंदुओं और मौलवियों को फटकार लगाई थी। ऐसी हिम्मत संत कबीर में थी। संत कबीर ने देह त्याग कर भी हिंदू और मुस्लिम की एकता का संदेश दिया।

केंद्र के रवैये के कारण धान खरीदी में दिक्कतें
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि धान खरीदी में आ रही दिक्कतों के लिए केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये को जिम्मेदार ठहराया। केंद्र सरकार की शर्तों के कारण समर्थन मूल्य में धान खरीद रहे हैं। अंतर की राशि के लिए मंत्रियों की समिति गठित की है, उनके निर्णय के बाद अंतर की राशि किसानों को दी जाएगी।

कबीर पंथ का प्रचार दुनिया में हुआ
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि अंचल के पूर्वज कबीर पंथ के अनुयायी होने के कारण लोलेसरा में पंथश्री उग्रनाम साहेब की स्मृति में संत समागम मेला हो रहा है। जो क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब के गद्दीनशीन होने के बाद कबीर पंथ का प्रचार-प्रसार और प्रभाव देश-प्रदेश में ही नहीं वरन् दुनिया में भी हुआ है।

कबीर की वाणी में प्रेम व सद्भाव
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि सद्गुरु कबीर की वाणी में प्रेम, सद्भाव, अपनापन का भाव है। हमें इस आयोजन में शामिल होने का परम सौभाग्य मिला है।

छत्तीसगढिय़ा का करेंगे विकास
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि पंथश्री के दिशा-निर्देश के अनुसार प्रदेश से गरीबी दूर करते हुए छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढिय़ा का विकास करेंगे। उन्होंने समिति के सदस्यों की ओर से मेला स्थल पर पानी टंकी, बाउंड्रीवॉल एवं ऑडिटोरियम की मांग से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए आचार संहिता का हवाला देते हुए घोषणा नहीं करने की बात कही। बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा ने स्वागत भाषण दिया। विशेष रूप से नवागढ़ विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे, कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी, पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर मौजूद थे।

ऐसे पड़ी लोलेसरा मेला की नींव
आचार्य पंथश्री प्रकाशमुनिनाम साहेब ने बताया कि 15-16 साल पहले इस स्थान के बारे ेंमें तत्कालीन विधायक चेतन सिंह वर्मा ने बताया था। इसके बाद क्षेत्र में कबीर पंथ के प्रचार-प्रसार को उपयुक्त मानते हुए यहां मेला आयोजित करने की इच्छा जागी। सन 2014 में उन्होंने पंथश्री उग्रनाम साहेब की स्मृति में संत समागम मेला की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि 115 वर्ष पूर्व बेमेतरा क्षेत्र के कबीर पंथियों ने कबीर पंथ के 12 वंश गुरु पंथश्री उग्रनाम साहेब को कुदुरमल से लाकर दामाखेड़ा में बसाया था। इस क्षेत्र के कबीर पंथियों की उन पर अनन्य प्रेम और श्रद्धा थी। जिसके चलते कबीर पंथ के गुरु पंथश्री उग्रनाम साहेब की स्मृति में संत समागम मेला आयोजित किया जा रहा है।