जिले के ग्राम अंधियारखोर में कहने के लिए तो उपस्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय और कृषि विस्तार अधिकारी का कार्यालय है, लेकिन इन कार्यालयों में कई साल से ताला लटका हुआ है। जिसके कारण देखरेख के अभाव में ये भवन भी धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।
ग्रामीणों को इलाज के लिए बेमेतरा जिला अस्पताल, नवागढ़ अस्पताल या अन्य अस्पताल में जाना पड़ता है। पशुओं का इलाज कराने के लिए भी जिला मुख्यालय जाना पड़ रहा है। इसी तरह कृषि उपकरणों की खरीदी भी बेमेतरा से हो रही है। तीनों विभागों के कार्यालय गांव में होने के बावजूद ग्रामीण इसके लाभ से वंचित हैं।
गांव का उपस्वास्थ्य केंद्र में 5 साल, पशु स्वास्थ्य केंद्र में 2 साल और कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालय में 10 साल से ताला लटक रहा है। ग्रामीण यशवंत साहू, हेमंत साहू, कैलाश सोनी ने बताया कि गांव के दफ्तर कंडम हो गए हैं। सरकारी सुविधाओं से ग्रामीण वंचित हैं और अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
30 गांवों का व्यापारिक केंद्र है अंधियारखोर
ज्ञात हो कि अंधियारखोर (पड़कीडीह) क्षेत्र का बड़ा व्यापारिक ग्राम है। रोड किनारे बसे होने के कारण यहां आसपास के 30 गांव के ग्रामीण प्राथमिक सुविधाओं का लाभ लेने और व्यापारिक कारणों से आते हैं।
परंतु यहां के सरकारी दफ्तरों में कर्मियों की कमी और अव्यवस्था के कारण लोग परेशान हैं। एसडीएम बेमेतरा डीएन कश्यप ने बताया कि जिले में कर्मियों की कमी है, विभागीय भर्ती होने के बाद ही गांव के कार्यालय चालू हो पाएंगे।