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Ram Mandir: राम मंदिर जमीन मामला, 2 पटवारी के बाद नायब तहसीलदार के खिलाफ हुई कड़ी कार्रवाई, जानें क्या है पूरा मामला?

Ram Mandir: कलेक्टर की कड़ी फटकार के बाद तत्कालीन पटवारी कुंदन सिंह एवं पटवारी हरिप्रिया साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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Ram Mandir

Ram Mandir:नवागढ़ विधानसभा के ग्राम मजगांव में राम मंदिर की जमीन बिक्री के मामले को 30 सितंबर को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। कलेक्टर के फटकार के बाद एसडीएम ने तत्कालीन पटवारी कुंदन सिंह एवं पटवारी हरिप्रिया साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। राम मंदिर की जमीन की बिक्री के लिए संबंधित पटवारी को रिकार्ड देने का आदेश के आरोप पर नायब तहसीलदार के खिलाफ पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंजीयन रद्द करते हुए समुचित कार्यवाही की मांग की थी। जिला कांग्रेस कमेटी ने आंदोलन की शुरुआत भी की है।

कलेक्टर कार्यालय से जारी पत्र के अनुसार राम मन्दिर जमीन बिक्री मामले में संलिप्तता पाए जाने पर चांदनी देवांगन नायब तहसीलदार को आगामी आदेश तक जिला कार्यालय में संलग्न किया गया है। इस पत्र पर एसडीएम ने मंगलवार को अपरान्ह नायब तहसीलदार को भार मुक्त भी कर दिया है। नायब तहसीलदार का पूर्ण प्रभार तहसीलदार को दिया गया है।

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खेल शुरू होता है अब

राम मंदिर जमीन की बिक्री दूसरी बार हुई, पहला प्रमाणीकरण कब कैसे हुआ, किसने आदेश किया तब जब मंदिर का उल्लेख था रजिस्टार ने क्या किया, दूसरी बार वही काम कैसे हुआ, झाल में कोटवारी जमीन की रजिस्ट्री कैसे हुई, क्या रजिस्टार आंख बंद कर काम किए या कुछ और जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए।

Ram Mandir: जमीन बिक्री का मामला चार साल पुराना

पटवारी ने तो अपने उच्च अधिकारी के आदेश का केवल पालन किया है। पत्र क्रमांक 628 दिनांक 18 सितंबर को नायब तहसीलदार ने नक्शा खसरा देने का आदेश दिया। यदि उच्च अधिकारी के आदेश का पालन करना गुनाह है तो हरिप्रिया गुनहगार है अन्यथा की स्थिति में उसे न्याय मिलना चाहिए। मजगांव की जमीन बिक्री का मामला चार साल पुराना है।