
बेमेतरा. जिला मुख्यालय में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए दो बायपास बनने थे। एक नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के दौरान केंद्र शासन की योजना के तहत बनाना था। दूसरे बायपास की घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने की थी, जिसे राज्य शासन की ओर से बनाना था। मुआवजा का निर्धारण नहीं होने से दोनों योजनाएं डिब्बा बंद की स्थिति में है।
नवागढ़ तिराहे से अशोका विहार तक बननी है बायपास सड़क
नेशनल हाइवे 30 में बायपास निर्माण को लेकर संशय है। नेशनल हाइवे विकास योजना के तहत नवागढ़ तिराहे से अशोका विहार तक एक बायपास मंजूर किया गया था। केंद्र शासन ने भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू करते हुए प्रभावितों के लिए 149.76 करोड़ की मंजूरी दी गई थी। पहली किस्त के तौर पर 33.76 करोड़ की राशि केंद्र ने भू-अर्जन अधिकारी को जारी की थी। जिसमें से 14 करोड़ का भुगतान किया गया। फिर विवाद और अधिक दर पर मुआवजा वितरण की आपत्ति के बाद केंद्रीय भूतल व परिवहन विभाग ने अवार्ड पारित करने के बाद रोक लगा दी। अब डेढ़ साल बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
कम होता ट्रैफिक का दबाव
भारी वाहनों के शहर में प्रवेश रोकने और उन्हें बाहर से आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने बायपास बनाना था। लेकिन अधिग्रहित भूमि का मुआवजा 145 करोड़ से अधिक होने के कारण शासन ने हाथ खड़े कर दिए। इसके लिए सैकड़ों किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। अब किसान दो साल से उसका कोई उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। बायपास नहीं बनने से शहर से ट्रैफिक दबाव के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ेगा।
बेमेतरा में अटकी है प्रक्रिया
जिले में एनएच ने साजा में प्रकिया पूर्ण कर मुुआवजा वितरण किया है। साथ ही बेरला, सिमगा सहित कई प्रोजक्ट पर कार्य पूर्ण कर बायपास शुरू भी कर दिया गया है पर जिला मुख्यालय में दो बायपास की स्वीकृति होने व प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी आज तक निर्माण के नाम पर एक र्इंट तक नहीं रखी जा सकी है।
प्रभावितों के लिए 149.76 करोड़ का मुआवजा
सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन का अधिग्रहण भू-अर्जन अधिकारी एसडीएम बेमेतरा ने किया है। 149.76 करोड़ मुआवजा के विरूद्ध राजस्व विभाग को 33.76 करोड़ का आवंटन एनएच प्राधिकरण से प्राप्त हुआ। जिसमें से कोबिया, पिकरी व बेमेतरा के प्रभावितों को 14.76 करोड़ से अधिक का मुआवजा वितरण किया गया है। जिसमें सिंघौरी के 01, पिकरी 01, कोबिया 12 एवं बेमेतरा के 14 कुल 28 प्रभावितों को अब तक मुआवजा दिया गया है। इसके बाद मुआवजा निर्धारण विसंगतियों का हवाला देकर एनएच प्राधिकरण ने मुआवजा वितरण पर रोक लगा दी।
लागत का 70 फीसदी मुआवजा का प्रस्ताव लौटाया
मुख्यमंत्री से लोगों की मांग को देखते हुए 12 दिसंबर 2013 को राज्य शासन ने बायपास को प्रशासनिक स्वीकृति दी। फिर अनुपूरक बजट में शामिल कर 3497 लाख रुपए का बजट जारी किया गया। सर्वे शुरू किया गया। रायपुर रोड पर गुनरबोड से लेकर सिरवाबाधा होते हुए बैजी तक 10 किमी बायपास तय किया गया। इसमें कुल लागत की 70 फीसदी राशि मुआवजे में देने की संभावना को देखते हुए लोक निर्माण मंडल दुर्ग ने प्रस्ताव 17 मार्च 2017 को लोक निर्माण विभाग रायपुर के मुख्य अभियंता को भेजा, जिसे वापस कर दिया गया।
राज्य शासन को भेजा दूसरा प्रस्ताव
अब लोक निर्माण विभाग ने ग्राम मटका एनएच सेे भोईनाभाठा से चारभाठा व बैजी तक सहबायपास सडक का प्रस्ताव शासन को भेजा है, जिसे स्वीकृति नहीं मिली है, न ही बजट में इसे शामिल किया गया है। मामले पर लोक निर्माण विभाग ईई एमआर जाटव ने बताया कि राज्य शासन ने एक प्रस्ताव लौटाया है, दूसरे का जवाब नहीं आया है।
जिम्मेदारों ने ये कहा
भू-अर्जन अधिकारी डीएन कश्यप ने कहा कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी से बायपास पर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। मैं कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हूं। मुआवजा वितरण पर रोक लगा दिया गया है। बेमेतरा लोक निर्माण विभाग के ईई एमआर जाटव ने कहा कि राजनीति होने के कारण बायपास नहीं बन पाया है एक प्रस्ताव को तो राज्य शासन ने लैाटा दिया है।
Published on:
07 Mar 2018 07:25 am
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