
पति के पत्नी के साथ न्यायालय में चल मामले को सामने लाते ही क्यों मचा हंगामा
बेमेतरा/बेरला. बेरला जनपद के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी में सहायिका और कार्यकर्ता भर्ती मामले में नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त करने के जनपद पंचायत प्रस्ताव के बाद भी मामले से जुड़े कई खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला शादीशुदा महिला को परित्यक्ता बताकर 15 अंक बोनस देकर सूची में पहले स्थान पर लाने का है, जबकि महिला का शादी से जुड़ा मामला न्यायालय में लंबित है।
सहायिका और कार्य़कर्ता के 18 पदों पर होनी है भर्ती
बेरला जनपद क्षेत्र के आंगनबाडिय़ों में कार्यकर्ता और सहायिका के 18 पदों के लिए निकाले गए आवेदन पर तीन माह में होने वाली कार्रवाई पहले तो नौ महीने तक अधिकारी ने लटकाए रखी, जब जनपद पंचायत के पास प्रस्ताव आया तो सदस्यों ने शंका जताते हुए प्रस्ताव को ही निरस्त कर दिया। रही-सही कसर जनपद सीइओ अनिता जैन ने कलक्टर महादेव कावरे को नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त करने के लिए पत्र लिखकर पूरी कर दी।
जनपद सदस्यों की शंका सही निकली
नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त करने के पीछे जताई गई शंका सही साबित होती नजर आ रही है। जानकारी के अनुसार, ग्राम खम्हरिया में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन मंगाया गया था, जिसमें कुल 11 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें खेमिन साहू पिता कुंवर सिंह साहू को परियोजना अधिकारी बीआर मंडावी ने परित्यक्ता का लाभ देते हुए 15 अंकों का बोनस देकर प्रावधिक मूल्यांकन प्रपत्र में 47.9 अंकों के साथ टॉप पर रखा है, जबकि खेमिन साहू व उसके पति परमेश्वर साहू का प्रकरण कोर्ट में लंबित है।
आवेदिका के पति ने लगाई आपत्ति
ग्राम खम्हरिया में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की आवेदक खेमिन साहू के पति परमेश्वर कुमार ने शपथ पत्र देकर ग्राम पंचायत खम्हरिया व परियोजना अधिकारी बेरला के पास आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें बताया कि ६ अगस्त २०१८ की स्थिति में न्यायालय में उनका मामला लंबित है, फिर किस आधार पर परियोजना अधिकारी ने परित्यक्ता मानते हुए लाभ का अंक दिया है।
क्या है नियम
आंगनबाडी कार्यकर्ता की नियुक्ति के संदर्भ मे शासन का स्पष्ट नियम है कि न्यायालय में प्रकरण की स्थिति में न्यायालय द्वारा जारी तत्संबंधी आदेश को ही मान्य किया जाएगा। ऐसी स्थिति में न्यायालय में प्रकरण की स्थिति में बोनस अंक नहीं दिया जा सकता।
सभी आवेदनों की हो जांच
मामले में बेरला जनपद पंचायत अध्यक्ष उमा नायक का कहना है कि सभी आवेदनों की जांच होनी चाहिए। अधिकारी अपने पसंद के उम्मदवारों को लाभ नहीं दे सकते हैं। वहीं इससे एक कदम आगे जाते हुए बेरला जपं में महिला बाल विकास की सभापति दामिनी साहू परियोजना अधिकारी बीआर मंडावी के कार्यकाल में हुई सभी नियुक्ति की जांच की मांग कर रही हैं। बेरला जनपद पंचायत सीईओ अनिता जैन का कहना है कि परियोजना अधिकारी ने नौ माह बाद मूल्यांकन समिति और चयन समिति के समक्ष प्रस्तुत किया है, जबकि हर माह मीटिंग में उन्हें सूचना दी जाती है।
Published on:
04 Sept 2018 12:05 am
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