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बैतूल। जिले में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने काफी आफत बरपाई। 10 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं आकाशीय बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं किसानों की कई हेक्टेयर में फैली फसल चौपट हो गई है। पूरे जिले में हुए नुकसान का आंकलन चल रहा है।
जिले में अतिवृष्टि से नुकसान हुई फसलों के सर्वे करने को लेकर मैदानी अमला लेटलतीफी कर रहा हैं। दस ब्लॉकों में से महज एक ब्लॉक की सर्वे रिपोर्ट आई हैं जबकि शेष नौ ब्लॉकों में अभी तक सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। चिचोली में 50 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान होना बताया जा रहा है। वहीं अन्य ब्लॉकों में रिमाइंडर भेजकर दोबारा सर्वे कर रिपोर्ट मंगवाई जा रही है।
बताया गया कि भीमपुर, चिचोली, आमला, घोड़ाडोंगरी, शाहपुर और बैतूल ब्लॉक में सबसे ज्यादा बारिश हुई हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ चिचोली ब्लॉक से ही फसल नुकसानी की जानकारी भेजी गई है। वहीं वर्षाकाल के दौरान इस बाढ़ में बहने और डूबने से दस लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि आकाशीय बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या 4 बताई है।
चिचोली ब्लॉक में सर्वे की रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं। यहां 116 किसानों की 50 हेक्टयर फसल को अतिवृष्टि 15 से 20 प्रतिशत का नुकसान होना बताया है। वहीं शेष ब्लॉकों में फसल सर्वे रिपोर्ट आना बाकी है। भू-अभिलेख विभाग के मुताबिक फसल नुकसानी का सर्वे के लिए सभी ब्लॉकों को रिमाइंडर नोटिस जारी किए हैं।
तीन ब्लॉकों में औसत से अधिक बारिश
अतिवृष्टि की बात करें तो इस साल तीन ब्लॉकों में औसत से अधिक बारिश दर्ज हो चुकी हैं। इनमें घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में सर्वाधिक 1376 मिमी, भीमपुर में 1145 मिमी और चिचोली में 1068 मिमी बारिश हुई है। इसके अलावा शाहपुर में 936 मिमी बारिश होना बताया जा रहा है। बताया गया कि चिचोली को छोड़कर जिन दो ब्लॉक घोड़ाडोंगरी और भीमपुर में सर्वाधिक बारिश हुई है वहां अभी तक सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है। भू-अभिलेख विभाग के मुताबिक तीन-चार दिनों में सर्वे का काम पूरा हो जाएगा।
बारिश में सर्वे करना होगा मुश्किल
मानसून पर ब्रेक लगने के कारण पिछले एक सप्ताह से मौसम खुला हुआ है। ऐसे में सर्वे का काम अभी तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक सर्वे पूरा नहीं हो सका है। यदि मानसून पुन: सक्रिय हो जाता है तो सर्वे करना मुश्किल हो जाएगा। जो स्थिति है उसमें सर्वे दल अभी तक कई गांवों में पहुंचा ही नहीं है। बैतूल ब्लॉक के ही कई गांव ऐसे हैं जहां फसल को नुकसान होने के बाद भी सर्वे की रिपेार्ट नहीं आई है। बैतूल-इंदौर फोरलेन से लगे खेतों में पानी भरने से दर्जनों किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी।
किसान बर्बाद फसल लेकर पहुंचे
खेड़ीसावलीगढ़ ग्राम पंचायत भवन में बुधवार को प्लांट क्लिनिक का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में यहां किसान अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल को लेकर पहुंचे थे। किसानों ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण पानी में डूबने से उनकी फसल पूरी बर्बाद हो गई है। वहीं बची हुई फसलों पर कीट व्याधि का प्रकोप हो गया है। ऐसे में किसानों ने फसल का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाए जाने की मांग भी कृषि विभाग के अधिकारियों से की। ग्राम टेमनी, दनोरा, भडूस, ढोड़वाढा, रोढ़ा, सेलगांव, सावंगा, सराढ, डहरगांव, महदगांव से बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे। केवीके कृषि वैज्ञानिक आरडी बारपेटे ने किसानों को कीट व्याधि से फसल को बचाने की जानकारी दी। कार्यक्रम में मौजूद तहसीलदार दीपक सरयाम , एसडीओ अलका कोडापे ने किसानों से जल्द सर्वे कराए जाने कीबात कही।
कई लोगों ने बाढ़ में गवाईं जान
बाढ़ में बहने से अभी तक 6 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जबकि पानी में डूबने से चार लोग मरे हैं। भूअभिलेख विभाग के मुताबिक बाढ़ में बहने से चिचोली के कटकुही निवासी रूकमणी, आमला में ओझा सूरजन, प्रभातपट्टन में मधु, पचकुमरी पट्टन में दिलीप, भैंसेदही में शंकर और मांडवी आठनेर में संतोष की मौत हुई है। वहीं डूबने से 4 लोग मारे गए हैं। बैतूल और प्रभातपट्टन में दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हुई है। वहीं आकाशीय बिजली गिरने के कारण 4 लोग मारे गए। देखा जाए तो मरने वालों का आंकड़ा इस साल अधिक बताया जाता है।
Updated on:
04 Aug 2022 04:34 pm
Published on:
04 Aug 2022 04:33 pm
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