
पुणे विज्ञान संस्थान ने विकसित किया ऐप
बैतूल. अचानक बिजली कड़कने और फिर इसकी चपेट में आने से जिले में कई लोगों की मौत हो जाती है। जानकारी के अभाव में बिजली कड़कने के दौरान कई लोग पेड़ के नीचे खड़े हो जाते हंैं और मौत का ग्रास बनते हैं। लोगों को यह भी पता नहीं होती है कि आकाशीय बिजली के दौरान किस तरह से सावधानी रखी जाए। इन सभी समस्या का निराकरण दामिनी एप के माध्यम से होगा। दामिनी एप बिजली गिरने से आधा घंटा पहले ही लोगों को इसकी सूचना देगा। आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव केसह संचालक अनुसंधान डॉ. व्हीके पराड़कर भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से संचालित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे की ओर से दामिनी नामक एप प्रारंभ किया गया है जो बिजली गिरने से पहले ही हमें चेतावनी देगा। साथ ही साथ इससे बचाव की भी जानकारी मिलेगी।
इस एप की सहायता से किसान और आम लोगों को आकाशीय बिजली की जानकारी 30-40 मिनट पहले प्राप्त हो जाती है। इस एप में वज्रपात की चेतावनी के साथ-साथ ऐसी परिस्थतियों में क्या सावधानी रखना है। इसकी जानकारी भी मिलेगी। केन्द्र के सह संचालक अनुसंधान डॉ. व्ही. के. पराडकर ने सभी से अपने मोबाइल में डाउनलोड करने की अपील की है।
आप इसे गूगल प्ले से कर सकते हैं डाउनलोड
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में लगभग 48 सेंसर के साथ एक लाइटिंग नेटवर्क स्थापित किया है। पुणें में इसकी केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई स्थापित है यह नेटवर्क बिजली के गडगड़ाहट एवं वज्रपात के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करता है। इसका प्रयोग करते हुए भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे ने यह मोबाइल एप विकसित किया है। यह एप बिजली कड़कने का सटीक स्थान तथा हमारी यथास्थिति से पहली परिधि 20 किमी. एवं दूसरी परिधि 40 किमी. के क्षेत्र में व्रजपात के संभावित स्थानों आदि की जानकारी दे रहा हैै। यह एप नि:शुल्क है एप गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते है । आवश्यक जानकारी जैसे नाम मोबाईल नंबर, पिन कोड, लोकेशन, व्यवसाय की जानकारी देकर एप पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसमें अलर्ट के बाद बिजली से बचने के लिए खुले पेड़ो के नीचे, पहाड़ी इलाके, चटट्नों का उपयोग न करें। धातुओं के बर्तन न धोएं इत्यादि करने से बचे। साथ ही साथ स्थायी घर के अंदर जाए, यदि स्थायी घर तक जाना संभव न हो सके तो खुली जगह पर ही घुटनों के बल कान बंद करके बैठ जाए। छाते का उपयोग न करें तथा हाइटेंशन तार एवं टावर से दूर रहे इस प्रकार की जानकरी प्राप्त होती है।
Published on:
25 Jul 2020 10:50 pm
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