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बैतूल. पेट्रोल की तरह अब डीएपी के रेट में भी तेजी से उछाल आना शुरू हो गया है। पिछले चार महीनों में डीएपी की दरों में २२० रुपए का उछाल आया है। मार्च महीने में जहां डीएपी की दरें १०७६ रुपए प्रति बोरी हुआ करती थी वह अब बढ़कर १२९६ रुपए प्रति बोरी पर पहुंच गई हैं। जबकि पिछले साल डीएपी प्रति बोरी १००० रुपए तक बिका था। डीएपी के अलावा सोयाबीन बीज की दरों में भी ५५० रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि कर दी है। बीज एवं डीएपी की दरों में आए इस उछाल से किसानों के लिए खेती करना महंगा सौदा साबित हो रहा है। सोसायटी स्तर पर किसानों को सरकारी दरों पर ही डीएपी उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन खुले बाजार में कालाबाजारी के चलते डीएपी के रेट और महंगे हो सकते हैं।
वहीं किसानों को इस साल सोयाबीन का बीज भी मंहगी दरों पर खरीदना पड़ सकता है, क्योंकि सरकार ने बीज का जो शासकीय मूल्य निर्धारित किया है। वह पिछले साल की तुलना में दस फीसदी अधिक है। इस साल सोयाबीन का बाजार मूल्य ५६५० रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में ५५० रुपए प्रति क्विंटल अधिक है। जबकि पिछले साल सोयाबीन बीज की दरें ५१०० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई थी। हालांकि सरकार बीज अनुदान देने की बात कह रही है लेकिन जो स्थिति है उसमें पिछले साल किसानों द्वारा खरीदा गया बीज का अनुदान अभी तक किसानों के खातों में नहीं पहुंचा है। सरकार द्वारा सोयाबीन सहित धान, मूंग, उड़द, मक्का, मूंगफल्ली, ज्वार, कोदोकुटकी, रामतिल, तिल एवं अरहर बीज की शासकीय दरें निर्धारित कर दी गई है।
जिले में छह हजार टन का लक्ष्य
बैतूल जिले में खरीफ सीजन के लिए डीएपी का लक्ष्य छह हजार टन निर्धारित किया गया है। इसके एवज में डबल लॉक गोदामों में ६ हजार ७९६ मीट्रिक टन डीएपी मौजूद हैं लेकिन डीएपी की डिमांड बनी हुई है। डीएपी की हर साल बढ़ती डिमांड को देखते हुए जिल विपणन संघ ने शासन से डीएपी एवं यूरिया के रेक की डिमांड की है। जो स्थिति है उसमें फिलहाल बारिश नहीं होने के चलते सोसायटी स्तर से डीएपी का उठाव अभी शुरू नहीं हो सका है लेकिन बारिश के आते ही जल्द सोसायटियों में किसानों की उठाव के लिए भीड़ लगना शुरू हो जाएगी।
तीन अलग-अलग रेट की डीएपी मौजूद
जिला विपणन संघ द्वारा गोदामों में जो डीएपी का भंडारण कराया गया है उनमें तीनअलग-अलग रेट का डीएपी मौजूद हैं। दो माह पहले अप्रैल माह में जो डीएपी आया था उसकी दरें १२०० रुपए प्रति बोरी थी, मई जो डीएपी आया उसकी दरें १२५० रुपए जा पहुंची। वहीं अब जो डीएपी आया है उसकी दरें १२९६ रुपए प्रति बोरी बताई जा रही है। यानि बीते तीन महीनों मेंं डीएपी की दरें २२० रुपए तक बढ़ गई है। अब नई पैकिंग वाली डीएपी किसानों को १२९६ रुपए तक पड़ेगी।उल्लेखनीय हो कि पिछले साल डीएपी की दरें १००० रुपए प्रति बोरी हुआ करती थी लेकिन महंगाई बढऩे के कारण डीएपी की दरें भी बढ़ गई है।
आयात होने के कारण महंगाई हुई
ेदेश में ६० प्रतिशत डीएपी विदेशों से आयात होता है जबकि ४० प्रतिशत डीएपी का ही उत्पादन भारत करता है। ऐसे में विदेशों से आयात होकर आने वाला डीएपी काफी महंगा पड़ता है। हालांकि सरकार सब्सिडी देती है लेकिन फिर भी किसानों के पास पहुंचते तक इसकी दरें बढ़ जाती है। कई बार उत्पादन एवं आवक कम होने के कारण भी डीएपी की दरों में बढ़ोत्तरी हो जाती है, लेकिन देश में जिस तरह से महंगाई दर बढ़ रही है उससे डीएपी के रेट और बढऩे के आसार अभी से लगाए जा रहे हैं।
खरीफ के लिए उर्वरक भंडारण की स्थिति
उर्वरक लक्ष्य भंडारण
यूरिया १६००० १२२००
डीएपी ६००० ६७९६
पोटाश ९०० ३३८
सुपर ५५०० २५००
इस तरह बढ़ी डीएपी की दरें
माह दरें
मार्च १०७६
अप्रैल १२००
मई १२५०
जून १२९६
1. डीएपी के रेट शासन स्तर से तय होते हैं। वर्तमान में जो नई डीएपी की रेक आई है उसके रेट १२९६ के लगभग है। इसके पूर्व मार्च माह में डीएपी का जो भंडारण किया गया था उसके रेट १०७६ रुपए प्रति बोरी के लगभग थे। हमारें द्वारा समस्त सोसायटियों में उर्वरक का भंडारण करा दिया है।
संजय गीते, जिला विपणन अधिकारी बैतूल
Published on:
04 Jun 2018 05:42 pm
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