
रेलवे का पहला फायर ब्रिगेड तैयार : मिनटों में बुझा देगा 300 फीट तक की आग
बैतूल/आमला. रेलवे आग बुझाने हमेशा राज्य सरकारों या सैन्य संस्थानों के फायर ब्रिगेड का इस्तेमाल करती रही। सबसे बड़ी बात ये है कि 23 हजार करोड़ रुपए कमाने वाले रेलवे के पास खुद की एक दमकल भी नहीं थी, हालांकि अब ऐसा नहीं है। आमला में रेलवे का पहला फायर फाइटर बनकर तैयार है। रेलवे ने कम लागत से फायर ब्रिगेड बनाने में सफलता प्राप्त की है। खास बात यह कि फायर फाइटर रेल कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया है।
जानकारी के अनुसार मध्य रेल के नागपुर रेल मंडल के तहत आने वाले आमला सेक्शन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर बी.के सूर्यवंशी ने बताया यह आग से लडऩे के लिए देश का पहला फायर फाइटर होगा, जिसे खुद रेलकर्मियों ने तैयार किया है। इसे महज 75 हजार के खर्च पर तैयार कर लिया है, जिसे दुर्घटनाओं के दौरान भेजी जाने वाली सेल्फ प्रोपेल्ड दुर्घटना राहत गाड़ी में तैयार किया है। इसे अग्नि दमन यंत्र आदित्य प्रकल्प का नाम दिया है। 1853 से ही रेलवे आग लगने पर होने वाली घटनाओं में नगर पालिका, नगर निगम या सैन्य संस्थानों के फायर ब्रिगेड प्रणाली पर निर्भर रहती है। इसके अलावा वह पारंपरिक रेत बाल्टी, पानी की बाल्टी, डीपीसी प्रकार के अग्निशामक साधन या वर्तमान में 10 लीटर फोम लिक्विड वाले ब्रेकडाउन में रखे अग्निशामक संसाधनों पर निर्भर रहती आई है। यह आग को काबू करने के लिए पर्याप्त नहीं होता है।
ऐसे करता है काम
अग्नि दमन यंत्र (आदित्य प्रकल्प) की कार्यप्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें स्पर्म में उपलब्ध पानी और फोम लिक्विड का सही रूप से उपयोग किया जाएगा। एक पेट्रोल चलित जनरेटर की सहायता से पानी व फोम लिक्विड को हमने 3 इंच के डिस्चार्ज के साथ घटते क्रम में पाइप लाइन में प्रवेश करवा कर स्पर्म के सिरों पर यूनियन प्वाइंट स्थापित किया है। वहां से एक सिरे पर जेट लगी होज रील को कपल करके प्रति मिनट 45 से 50 लीटर फोमयुक्त पानी का 25 से 30 फीट स्प्रे किया जाएगा। इसमें ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया है, जिसमें आवश्यकता अनुसार होज रील को 300 फीट तक बढ़ा सकते हैं। एक से अधिक पाइप द्वारा आग लगे हुए स्थान पर फोमयुक्त पानी का प्रयोग कर सकते हैं।
105 किलोमीटर प्रति घंटे हैं रफ्तार
आमला स्टेशन पर ब्रेकडाउन यूनिट है, जिसमें एक यूनिट, 3 कोच के साथ सेल्फ प्रोपेल्ड है, जिसे स्पर्म के नाम से जाना जाता है। इसमें शुरुआती तौर पर 1000 लीटर पानी के साथ फोम टाइप फायर एक्सटिंग्विशर के प्रकल्प को तैयार किया। रेल इतिहास का इस प्रकार के काम के लिए पहला स्वचलित प्रकल्प है। इसका उद्देश्य है किसी सेक्शन में यात्री गाड़ी, मालगाड़ी या किसी स्टेशन पर यदि आग लगती है तो सेल्फ प्रोपेल्ड यूनिट को लेकर अधिकतम 105 किमी प्रति घंटे की गति से घटनास्थल से रवाना होंगे।
Updated on:
30 Mar 2022 08:57 am
Published on:
30 Mar 2022 08:55 am
बड़ी खबरें
View Allबेतुल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
