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एसपी ने ऑटो-वाहन चालकों को दी सडक़ सुरक्षा की सीख

बैतूल। जिले में लगातार बढ़ रही सडक़ दुर्घटनाओं, मृत्यु दर में कमी लाने तथा घायलों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन द्वारा शनिवार को शिवाजी ऑडिटोरियम में सडक़ सुरक्षा को लेकर विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में ऑटो चालक, बस चालक सहित विभिन्न श्रेणियों के वाहन […]

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बैतूल। जिले में लगातार बढ़ रही सडक़ दुर्घटनाओं, मृत्यु दर में कमी लाने तथा घायलों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन द्वारा शनिवार को शिवाजी ऑडिटोरियम में सडक़ सुरक्षा को लेकर विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में ऑटो चालक, बस चालक सहित विभिन्न श्रेणियों के वाहन चालकों को यातायात नियमों, सुरक्षित वाहन संचालन और आपात स्थिति में घायलों की जान बचाने के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन विशेष रूप से उपस्थित रहे। उनके साथ जिला अस्पताल में पदस्थ आरएमओ डॉ. रानू वर्मा, एसडीओपी सुनील लाटा, यातायात थाना प्रभारी गजेंद्र केन सहित यातायात पुलिस का समस्त स्टाफ मौजूद रहा। बड़ी संख्या में वाहन चालकों की भागीदारी ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
एसपी वीरेंद्र जैन ने अपने संबोधन में कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण लापरवाही, अनुशासनहीनता और यातायात नियमों की अनदेखी है। यदि वाहन चालक संयम, सतर्कता और नियमों का पालन करें तो अधिकांश दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने चालकों को सुगम यातायात संचालन, वैधानिक दस्तावेज, वाहन के नियमित रखरखाव तथा बीमा संबंधी आवश्यक जानकारियां दीं। साथ ही जिले के ब्लैक स्पॉट और एक्सीडेंट-प्रोन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले लोगों को भी दुर्घटना की स्थिति में सहायता के लिए जागरूक रहने की अपील की। कार्यशाला में राहवीर योजना, हिट एंड रन स्कीम और कैशलेस ट्रीटमेंट सुविधा की जानकारी दी गई। एसपी ने बताया कि गोल्डन ऑवर में घायल को अस्पताल या ट्रामा सेंटर पहुंचाने से उसकी जान बचाई जा सकती है। इसी कड़ी में आरएमओ डॉ. रानू वर्मा ने प्राथमिक उपचार, गंभीर स्थिति में सीपीआर देने की विधि समझाई और लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया। शिविर के दौरान वाहन चालकों को हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य रूप से पहनने, नाबालिगों को वाहन न देने, शराब पीकर वाहन न चलाने, गलत दिशा में वाहन न चलाने, ओवरलोडिंग न करने, गति सीमा का पालन करने, नेशनल हाईवे पर अवैध कट का उपयोग न करने तथा ट्रैक्टर-ट्रॉली व मालवाहक वाहनों में सवारी न बैठाने जैसे महत्वपूर्ण यातायात नियमों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में एसपी ने अपील की कि जागरूकता, अनुशासन और मानवीय संवेदना ही सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने का सबसे प्रभावी उपाय है।