
महुए के पेड़ को चमत्कारी और यहां बैठी महिला खुद को बता रही देवी का अवतार- देखें वीडियो
अरूण सूर्यवंशी/बैतूल। कुछ महीनों पहले पिपरिया के पास महुए के पेड़ की चर्चा तो आपने खुब सुनी होगी। वहीं ऐसा ही नजारा फिर एक बार बैतूल जिले में देखने को मिला। जहां लोग एक बार फिर अंधविश्वास की ओर आकर्षित हो रहें है। बता दें कि महुआ रिटन्र्स की शक्ल में फिर ये साबित हो गया कि लोग किसी भी अफवाह को सच मानकर अंधभक्ति में किस तरह डूब जाते हैं। यहां आमला ब्लॉक के रेंगाढाना गाँव मे एक महुए के पेड़ के इर्द गिर्द कुछ वैसा ही नज़ारा देखने को मिल रहा है। जैसा कुछ महीनों पहले होशंगाबाद जिले के पिपरिया में देखा गया था। लेकिन इन दोनों मामलों का एक खास कनेक्शन भी है। खुद को भगवान का अवतार बताकर अंधविश्वास फैला रहे लोगों का कहना है कि इस महुए के पेड़ में वहीं देवता विराजे हैं जिन्हें पिपरिया से रवाना किया गया था।
यहां हो रही हलचल
आमला ब्लॉक के रेंगाढाना गाँव मे पिछले तीन दिनों से एक महुए के पेड़ आसपास काफी हलचल है। यहां भी इस महुए के पेड़ को चमत्कारी और यहां बैठी एक महिला को देवी का अवतार बताया जा रहा है। खुद को देवी बता रही महिला के मुताबिक उसके सपने में भगवान आए थे जो इस महुए के पेड़ में समा गए हैं ।
इनका कहना है....
ग्राम रेंगाढाना के रजनी का कहना है कि यहां रोज़ाना अंधभक्तों का हुजूम लग रहा है। दूर दूर से आए लोग बीमारियां ठीक करने या भूत प्रेत उतारने महुए के पेड़ की परिक्रमा लगाते हैं ।
मुन्नालाल का कहना है कि महुए के पेड़ की परिक्रमा लगाने से कोई ठीक हुआ हो ऐसा तो कोई मामला अब तक सामने नहीं आया लेकिन प्रशासन और पुलिस की अनदेखी एक बार फिर होशंगाबाद वाले महुआ कांड की यादें ताज़ा कर रहा है। अब तक पुलिस प्रशासन ने इस अंधश्रद्धा के मेले को रोकने कोई उपाय नहीं किये हैं।
हमारे यहां अंधविश्वास तेजी से फेलता है
महुआ रिटन्र्स की घटना ये साबित करने के लिए काफी है कि हमारे समाज मे अंधविश्वास जितनी तेजी से फैलता है उससे भी जल्दी अंधभक्तों का मेला लग जाता है जो अंधश्रद्धा के आगे कुछ भी सुनने समझने तैयार नहीं रहते।
श्रद्धा जोशी एडिशनल एसपी,बैतूल
Published on:
14 Feb 2020 06:16 pm
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