
सिंचाई के लिए टंकी की टेस्टिंग कर रहे थे अफसर, वॉल्व टूटने से टंकी बनी वॉटर फॉल
बैतूल. मध्य प्रदेश के बैतूल स्थित पारसडोह में सोमवार को शुरू हुई पारसडोह माध्यम उद्वहन सूक्ष्म सिंचाई योजना की शुरुआत ऐसी हुई, जिसका नजारा देखकर हर कोई दंग रह गया। सिंचाई के लिए बनाई गई टंकी की टेस्टिंग के दौरान अफसरों द्वारा टेस्टिंग शुरू करते ही टंकी के ऊपर से पानी बह निकला। वैसे तो विभागीय खामी थी, जिसके परिणम स्वरूप करीब 2 घंटों में लाखों लीटर पानी व्यर्थ बर्बाद हो गया, लेकिन इसका दूसरा छोर ये भी रहा कि, टंकी से गिरने वाला पानी किसी बड़े जल प्रताप की तरह नजर आ रह था, जिसे देखने के लिए कुछ ही देर में वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग अपने अपने मोबाइल फोन में वीडियो रिकॉर्ड करते दिखे और देखते ही देखते टंकी से बहने वाले पानी का वीडियो सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया।
बता दें कि, जलसंसाधन विभाग मुलताई डिविजन के पचधार पारसडोह ताप्ती जलाशय से 29 स्कीम नंबर 5 और 6 के करीब 38 हजार हेक्टेयर इलाके के किसानों को खेती के इस्तेमाल के लिये नहर का पानी शुरू कर दिया गया। टेस्टिंग के दौरान पहले दिन बिसनूर गांव के पास बनी पानी की टंकी से बहता पानी आकर्षण का केंद्र बना। हालांकि, सोमवार को दिन किसानों के लिए खुशी का दिन रहा। पचधार पारसडोह ताप्ती नदी से पानी की शुरुआत हो गई। अब क्षेत्र के अधिकांश गांव के किसानों को भी पानी सप्लाई की व्यवस्था बनाने के लिए तकनीकी अमला काम कर रहा है।
इस योजना के तहत चल रहा काम
585 करोड़ की इस योजना के तहत 6 स्कीमों में 19,750 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाएगी। इसका सीधा लाभ 30 हजार किसानों को होगा। योजना के तहत डैम की नहर से 30 हेक्टेयर तक पानी नहर के जरिए जाएगा। इसके बाद 1300 किलो वाट क्षमता की पांच विद्युत मोटर्स के जरिए पानी किसानों के खेतों तक पाइप के जरिए पहुंचाया जाएगा।ऑपरेशन मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ये पानी एक-एक हेक्टेयर क्षेत्र में बांटा जाएगा, जिसमें किसानों को 6-6 घंटे पानी की आपूर्ति उनकी फसलों के लिए की जाएगी। इस योजना के तहत विभाग ने 600mm से लेकर एचडीपीई पाइप का इस्तेमाल किया है। इसमें किसानों को सीधे बाल वाल्व की मदद से उनके खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा।
Published on:
29 Nov 2021 08:39 pm
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