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फसल नुकसानी का सर्वे करने पहुंची टीम

अतिवृष्टि से खराब हो गई थी फसलें

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अतिवृष्टि से खराब हो गई थी फसलें

अतिवृष्टि से खराब हो गई थी फसलें

सारनी. अतिवृष्टि से खराब फसलों का सर्वे प्रारंभ हो गया है। इससे ग्रामीणों में उत्साह है। दरअसल, समीपस्थ ग्राम पंचायतों की फसल अतिवृष्टि से बर्बाद हो गई थी। समय पर सर्वे नहीं होने से किसान गेहूं के लिए खेत तैयार नहीं कर पा रहे थे। किसानों की इस समस्या को गंभीरता से लेकर पत्रिका ने शनिवार के अंक में मक्का नुकसानी का अब तक नहीं हुआ सर्वे, गेहूं के लिए खेत तैयार करने में जुटे किसान शीर्षक से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर छपते ही राजस्व, बीमा कंपनी और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने गांव-गांव पहुंचकर फसल नुकसानी का सर्वे करना शनिवार से ही प्रारंभ कर दिया है। शनिवार को जहां विक्रमपुर पंचायत के मोरडोंगरी, विक्रमपुर, लक्कड़कोट और घोघरी गांव में सर्वे किया। रविवार को बाकुड़ पंचायत के गांवों में फसल नुकसानी का सर्वे किया गया। समीपस्थ ग्रामों में अतिृष्टि से करीब 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हुई है।जिसके प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि सालकराम यादव समेत अन्य कृषकों द्वारा दीवानजी समेत जिम्मेदार लोगों से सतत संपर्क करने के बावजूद फसल नुकसानी का सर्वे करने में रुचि नहीं ली जा रही थी। इसके बाद पत्रिका में खबर प्रकाशित होते ही राजस्व विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए सर्वे प्रारंभ कर दिया। इस पर ग्रामीणों ने पत्रिका को धन्यवाद कहा। पटवारी रामदास परते ने बताया कि दो दिनों से विक्रमपुर, बाकुड़ पंचायतों के अंतर्गत गांवों में फसल नुकसानी का सर्वे बीमा कंपनी, राजस्व टीम और कृषि विभाग की संयुक्त टीम द्वारा किया जा रहा है। मेरे कार्यक्षेत्र में दस गांव आते हैं। जिनका सर्वे तेजी से किया जा रहा है।
संयुक्त टीम कर रही सर्वे
बीमा कंपनी, राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीम इन दिनों बाकुड़, धसेड़, विक्रमपुर समेत अन्य पंचायतों में फसल नुकसानी का सर्वे कर रही है। पटवारी जिसमें किसी गांव में 40 तो किसी गांव में 50 प्रतिशत फसल नुकसान का अनुमान सामने आ रही है। हालांकि सर्वे टीम द्वारा किसी गांव में एक तो किसी गांव में दो खेतों में जाकर सर्वे कर पंचनामा तैयार कर रही है। बताया जा रहा है कि प्रत्येक खेतों में जाकर सर्वे करना संभव नहीं है, क्योंकि किसान की पहले ही मक्का की फसल अतिृष्टि में बर्बाद हो गई। ऊपर से गेहूं की फसल के लिए समय रहते खेत तैयार नहीं हो पा रहे। जिसे देखते हुए सर्वे कार्य में तेजी लाई जा रही है।