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इस बार देरी से मिलेगा वेतन, यह है कारण

52 विभागों के लिपिकों के हड़ताल पर होने से 15 हजार से अधिक कर्मचारियों के वेतन पर लगा ब्रेक।

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बैतूल। लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने कर्मचारियों के सामने वेतन का संकट खड़ा कर दिया है। जिले में कार्यरत15 हजार से अधिक कर्मचारियों को इस बार अगस्त माह की पहली तारीख को वेतन मिलना मुश्किल है, क्योंकि हड़ताल के चलते जिला कोषालय में भी कामकाज ठप होने से वेतन संबंधी बिल नहीं लगाए गए हैं। हालांकि इस बात से लिपिक वर्ग अंजान नहीं है लेकिन अपनी मांगों को पूरा करने के लिए लिपिक इस बार आरपार की लड़ाई लडऩे के मूड में नजर आ रहे हैं। उनका कहना है यदि मांगे पूर्ण नहीं होती है तो कर्मचारियों द्वारा हड़ताल जारी रखी जाएगी। इधर हड़ताल के चलते सीएम हेल्पलाइन, जनसुनवाई जैसी सेवाएं भी प्रभावित हो रही है जिसकी वजह से आम नागरिकों को भी परेशानी उठाना पड़ रही है।

52 विभागों में नहीं हो सकेगा वेतन
जिले के 52 सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन संबंधी बिल जिला कोषालय में माह के अंतिम सप्ताह में ही लगा दिए जाते हैं लेकिन इस बार लिपिक वर्ग की हड़ताल के चलते किसी भी विभाग द्वारा वेतन पत्रक नहीं बनाए गए हैं। वहीं जिला कोषालय में भी हड़ताल के चलते पिछले चार दिनों से सन्नाटा पसर हुआ है। ऐसे में कामकाज बंद होने के कारण किसी भी विभाग द्वारा बिल नहीं लगाए गए हैं। यदि लिपिकों की हड़ताल लंबी खींचती है तो इस बार कर्मचारियों एवं अधिकारियों को वेतन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
15 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत
बैतूल जिले में रेगुलर कर्मचारियों की संख्या 8 हजार 761 के लगभग होना बताई जाती है। इसके अलावा ६ हजार ५०० से अधिक अध्यापक कार्यरत है। सभी के वेतन संबंधी बिल जिला कोषालय में ही लगाए जाते हैं। चूंकि लिपिक वर्ग हड़ताल पर है इस वजह से किसी भी विभाग द्वारा अभी तक वेतन संबंधी बिल नहीं लगाए हैं। स्थिति यह है कि कर्मचारियों के हड़ताल पर होने की वजह से अधिकारियों को स्वत: ही कामकाज देखना पड़ रहा है। लिपिकों की हड़ताल का आज छटवें दिन है, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया है। ऐसे में हड़ताल लंबी खींचने के आसार हैं।
सरकारी दफ्तरों में पसरा सन्नाटा
लिपिकों की हड़ताल के चलते सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है।विभागों में खाली पड़े टेबल-कुर्सियां ही नजर आ रही है। जबकि कर्मचारी कलेक्टोरेट के सामने धरना पर बैठे हुए हैं। हड़ताल की वजह से पब्लिक रिलेशन से जुड़ी सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। खासकर जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन सहित अन्य सेवाओं के बंद होने से लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है। मंगलवार को जनसुनवाई में लिपिकों की हड़ताल के कारण अधिकारी सुनवाई करते नजर आए। जो काम बाबूओं द्वारा किए जाते है उन्हें भी अधिकारियों को करना पड़ रहा था।
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52 विभाग के लिपिकों ने एकजुट होकर निकाली रैली

बैतूल। मप्र लिपिकीय कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल के छटवें दिन मंगलवार धरना स्थल से रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। संघ के जिलाध्यक्ष शंकर सिंह चौहान ने बताया कि रमेशचंद्र शर्मा समिति की कर्मचारी हितैषी अनुशंसाए लागू करने सहित अन्य मांगो के समर्थन में चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के तहत समस्त 52 विभागों के लिपिकीय कर्मचारियों द्वारा धरना स्थल पर उपस्थित होकर शासन से रमेश चंद्र शर्मा समिति की 23 अनुशंसाएं लागू करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में लिपिकीय कर्मचारियों ने वर्षो से लंबित चली आ रही वेतन विसंगति सहित अन्य न्यायोचित मांगो को शीघ्र पूर्ण किए जाने, रमेशचंद्र समिति द्वारा प्रदेश के लिपिकीय कर्मचारियों के हित में जो 23 अनुशंसाए की गई है उन्हें शीघ्र लागू किए जाने की मांग की है। चौहान ने बताया कि यदि मांगे पूर्ण नहीं होती है तो कर्मचारियों द्वारा हड़ताल जारी रखी जाएगी।हड़ताल के छटवे दिन राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनोज राय ने धरनास्थल पर उपस्थित होकर लिपिकों की मांगो को शीघ्र पूर्ण करने आंदोलन को समर्थन दिया।