साप्ताहिक बाजार के दिन तो टेबल कुर्सी लगाकर डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जाता है। इनके पास हर प्रकार की दवाइयां उपलब्ध रहती है। इलाज के बाद वे स्वयं मरीजों को अपने पास की दवाइयां देकर मोटी फीस वसूल करते हैं। वडली के अलावा ब्लाक के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के भी यही हाल है। गांवों में घर-घर दस्तक देकर डाक्टरों द्वारा इलाज करने का काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक ब्लाक में बिना अनुमति के चल रहे क्लिनिकों पर कार्रवाई नहीं की है। पूरे मामले को लेकर बीएमओ केआर पाटील का कहना है कि यह बात सही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना पंजीयन के क्लिनिकों का संचालन किया जा रहा है। इस संबंध में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दे दी गई गई है। विभाग द्वारा जल्द टीम का गठन कर गांव-गांव में चल रहे क्लिनिकों को पर छापामार कार्रवाई कर दस्तावेजों सहित दवाइयों की जांच की जाएगी।