
gyanpur road
भदोही. भारतीय रेल ने भले ही हवाई सफर के टिकट की तर्ज पर फ्लैक्सी किराए की प्रणाली लागू कर दी, लेकिन रेल प्रशासन का यह निर्णय भी आरक्षित टिकटों के मामले में दलालों का प्रभुत्व तोड़ पाने में विफल साबित हो रहा है। नई दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों की कौन कहे, भदोही जैसे छोटे से शहर में भी रेल टिकट प्रणाली पर दलालों का प्रभुत्व जस का तस बरकरार है। भदोही के साथ ही ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के टिकट आरक्षण केंद्र पर दलालों का ही बोलबाला है। आलम यह है कि दलाल करते हैं कि आरक्षित टिकट किसे मिलेगा और किसे नहीं। तत्काल टिकट के लिए ज्ञानपुर रोड स्टेशन के टिकट काउंटर पर लाइन में लगी एक महिला ने स्टेशन मास्टर से इसकी लिखित शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार रीना सिंह नामक महिला ने स्टे्रशन मास्टर से टिकट काउंटर पर तैनात कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे खेल की जांच कराने एवं उनके खिलाफ जांच कराने की मांग की है। महिला द्वारा दी गई लिखित शिकायत के अनुसार वह 24 दिसम्बर को सुबह पांच बजे से ही आरक्षण केंद्र पर टिकट के लिए लाइन में खड़ी थी। निर्धारित समय पर आठ बजे जब काउंटर खुला, तब वह टकटार्थियों की लाइन में पहले नम्बर पर थी, लेकिन उसे टिकट नही दिया गया। काउंटर पर तैनात कर्मचारी ने लाइन से इतर खड़े एक दलाल को बुलाकर अधिक पैसे लेकर पहले टिकट दिया। जब उसके साथ लाइन में खड़े अन्य लोगों ने इसका विरोध किया, तो कर्मचारी एवं दलाल ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। कर्मचारी ने देख लेने की धमकी दी व कहा कि यह कहां लिखा है कि आपका नम्बर पहला है। जो करना हो, कर लो। इससे आहत महिला ने टिकट काउंटर पर कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रही टिकटों की कालाबाजारी एवं अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की स्टेशन मास्टर से शिकायत कर जांच कराने एवं उचित कार्रवाई करने की मांग की।
रेल प्रशासन ने शुरू कराई जांच
महिला की शिकायत पर रेल प्रशासन हरकत में आ गया। मंडल के वाणिज्य निरीक्षक उदय सिंह ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सिंह ने इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार करते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के सच सामने आ जाएगा।
वर्षों से हो रही धांधली
ज्ञानपुर रेलवे स्टेशन पर तत्काल टिकटों में खेल का यह कोई पहला मामला नही है। क्षेत्रीय नागरिकों की मानें तो तत्काल टिकट में धांधली वर्षों से हो रही है। कई बार टिकट के लिए लाइन में लगे लोगों एवं दलालों के बीच मारपीट तक की नौबत आ जाती है। जांच पर अविश्वास जताते हुए लोग कहते हैं कि इससे पहले भी टिकट काउंटर पर दलालों के वर्चस्व की कई दफे शिकायत हुई। रेलवे ने जांच भी कराई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
Input By : Mahesh Jaiswal
Published on:
26 Dec 2017 08:47 pm
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