
मुन्ना बजरंगी
भदोही. पूर्वांचल की जरायम दुनिया का बादशाह प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी जौनपुर जिले के रामपुर ब्लॉक प्रमुख कैलाश दुबे हत्याकांड के मामले में कुछ दिनों तक ज्ञानपुर जेल में भी बंद रहा था, इस दौरान जेल पर कड़ा पहरा लगा दिया गया था। हालांकि कैलाश दुबे हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी गवाहों के टूटने की वजह से बाइज्जत बरी हो गया था।
बागपत जेल में हत्या के बाद बजरंगी भले ही इस दुनिया से अलविदा हो गया, लेकिन आलम यह था की मामूली कद - काठी के इस डॉन के नाम से लोग कांपते थे। पेशी पर उसकी एक झलक पाने को भीड़ उमड़ पड़ती थी । 90 के दशक में जरायम की दुनिया में मुन्ना बजरंगी का खौफ पूर्वांचल से शुरु होकर यूपी के पश्चिमांचल तक जा पहुंचा था।
एक के बाद एक की तर्ज पर पूर्वांचल में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देने वाला प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी रामपुर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख कैलाश दूबे और जौनपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह की जमालपुर में हुई हत्या की घटना में नामजद था। बजरंगी को तकरीबन एक दशक पहले वर्ष 2008-09 में कुछ समय के लिए ज्ञानपुर जेल में निरुद्ध किया गया था । उस दौरान जौनपुर जिले के रामपुर बरसठी थाना क्षेत्रों के भदोही में शामिल होने से इस बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय ज्ञानपुर भदोही में ही चल रही थी । पू
र्वांचल का शातिर अपराधी मुन्ना बजरंगी गवाहों के टूटने से साक्ष्य के अभाव में बरी हो गया था। हालांकि बगल के जिले के होने के चलते मुन्ना बजरंगी की जेल में तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और सबसे बड़ी बात तो यह थी कि ज्ञानपुर जेल में सुनवाई के दौरान उसे रखे जाने के समय बजरंगी के सारे विरोधी गुटों के अपराधियों को सेंट्रल जेल वाराणसी अथवा इलाहाबाद के नैनी जेल भेज दिया गया था।
कालीन नगरी भदोही समेत आसपास के सभी जिलों में बजरंगी का खौफ अब भी पहले की ही तरह कायम था। जेल में हत्या से कई सवाल भी उठने लगे हैं। जिसकी वजह से राज्य की जेले अपराधियों के लिए भी सुरक्षित नहीँ हैं । जबकि कभी अपराधी पुलिस या दुश्मनों से बचने के लिए सबसे मुफीद जगह जेलों को मानते हैं।
BY- MAHESH JAISWAL
Published on:
09 Jul 2018 07:23 pm
बड़ी खबरें
View Allभदोही
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
