संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का पहला हफ्ता हंगामे की भेंट चढ़ गया। बिहार में वोटर लिस्ट (Bihar Voter List) के मुद्दे पर पांचवें दिन भी विपक्ष ने लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में हंगामा किया। सुबह 11 बजे शुरू कार्यवाही शुरू हुई थी, लेकिन विपक्ष वेल में आ गया और तख्तियां लेकर नारेबाजी की। दोनों सदनों में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल सके.. विपक्ष के हंगामे पर भड़के स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने कहा कि नियोजित गतिरोध संसदीय लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि लोकतंत्र में असहमति दर्ज कराना आपका अधिकार है, लेकिन असहमति किस तरीके से दर्ज करानी है. असहमति दर्ज कराने का तरीका संसदीय लोकतंत्र की परंपरा के अनुरूप होना चाहिए..
स्पीकर ने हंगामे पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमेशा प्रयास किया है कि सदन सुचारु रुप से चले, विशेषकर प्रश्नकाल में सदस्यों को बोलने का पूरा अवसर मिले. उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सदस्यों का समय होता है, उस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए… चर्चा में सरकार की जवाबदेही भी तय होती है. पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कि सदन को नियोजित तरीके से बाधित किया जा रहा है. तख्तियां लेकर नारेबाजी की जा रही है. स्पीकर ने कहा कि अगर आपको किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है, तो आप आएं. हर मुद्दे पर सरकार से बात करके चर्चा का रास्ता निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि आते ही सदन के अंदर या सदन के बाहर तख्तियां लेकर नारेबाजी करें, ये उचित नहीं है.. और क्या कुछ कहा बिरला ने.. देखिए वीडियो