सत्ता संभालते ही भारत को आंख दिखाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर अब नरम पड़ गए है। यही वजह है कि पीएम मोदी की मालदीव यात्रा कई मायनों में खास होने वाली है। ब्रिटेन की यात्रा पूरी करने के बाद पीएम मोदी शुक्रवार को जैसे ही मालदीव के माले पहुंचे तो राष्ट्रपति मुइज्जू तमाम प्रोटोकॉल तोड़ते हुए एयरपोर्ट पर ही पीएम मोदी का वेलकम करने आए। इतना ही नहीं, पीएम मोदी की अगवानी करने के लिए मुइज्जू अपने साथ पूरी कैबिनेट ले आए। मुइज्जू के साथ उनके विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और गृह सुरक्षा मंत्री सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत किया।
भारत की कूटनीति ने चीन और पाकिस्तान को एक साथ बड़ा झटका दिया है। पीएम मोदी का मालदीव में ये स्वागत चीन और पाकिस्तान के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। क्योंकि इससे पहले एक समय वो भी था जब राष्ट्रपति मुइज्जू ने चुनाव जीता था तो वो भारत के धुर विरोधी बन गए थे। भारत के अच्छे दोस्तों में शुमार मालदीव में जब साल 2023 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो नई सत्ता भारत के खिलाफ हो गई. चीन के समर्थक मोहम्मद मुइज्जू वहां के नए राष्ट्रपति बने और इसके साथ ही उनके भारत के खिलाफ अनाप-शनाप बयान शुरू हो गए. वो इंडिया आउट, चाइना इन की बात करने लगे, वो भारत से दूरी बनाने लगे, भारत के लोगों से दूरी बनाने लगे और नतीजा ये हुआ कि भारत ने भी मुइज्जु से दूरी बना ली… उस वक्त भारत ने ऐसी कूटनीतिक चाल चली, जिससे माले की अर्थव्यवस्था हिचकोले खाने लगी। वहीं चीन मालदीव को अपने कर्जजाल में फंसाने लगा। तब मुइज्जू को समझ आ गया कि उसका असली हितैषी भारत ही है। लिहाजा मुइज्जू ने अपने किए पर पछतावा किया और मालदीव के विकास में पीएम मोदी से दोबारा सहयोग मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को हर तरह से मदद की। हाल ही में मालदीव में हुए हादसे में भारत से मानवीय मदद पहुंचाई। अब पीएम मोदी मालदीव पहुंचे तो मुइज्जू ने उनका भव्य स्वागत करके चीन और पाकिस्तान को चौंका दिया। ये यात्रा भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
मोदी की मालदीव यात्रा को मुइज्जू के नेतृत्व में आई खटास के बाद माले और नई दिल्ली के बीच संबंधों को फिर से मजबूत करने के रूप में देखा जा रहा है… मालदीव 26 जुलाई को अपना 60वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया है। ये प्रधानमंत्री की मालदीव की तीसरी यात्रा है. इससे पहले वो पहली बार 2018 और फिर 2019 में यात्रा कर चुके हैं. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली यात्रा है.. मालदीव और भारत के रिश्ते पहले भी काफी गहरे और दोस्ताना रहे हैं। मगर बीच में मोहम्मद मुइज्जू के चीन के प्रति झुकाव के चलते दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आने लगा था। हालांकि बाद में रिश्ते सुधरने लगे। पीएम मोदी के मालदीव जाने से पहले राष्ट्रपति मुइज्जू भी भारत आ चुके हैं।