रेहान से मांगा था घर का नंबर, ईमानदारी का हो गया कायल रेहान शर्मा पांच सितंबर को सुबह घर से निकलने के बाद कुम्हेर गेट से ऑटो में सवार हुआ। वहां से रेलवे स्टेशन पहुंचा। जहां से मथुरा पहुंचने के बाद उसने नौकरी की तलाश शुरू कर दी। जहां एक ढाबा मालिक से मुलाकात की तो पांच हजार रुपए महीना व रहने-खाने की शर्त पर नौकरी मिल गई। एक-दो दिन तक ढाबा मालिक ने उससे परिजनों के मोबाइल नंबर भी मांगे, लेकिन रेहान ने देने से इंकार कर दिया। दो-चार दिन में ही ढाबा मालिक रेहान की ईमानदारी का कायल हो गया। उसे ढाबे के कैश काउंटर पर बैठा दिया। अब तक उसने 150 रुपए ही लिए थे। फूफा हरगोविंद मिश्रा जब ढाबों पर तलाश कर रहे थे तो एक ढाबे पर रेहान पानी पीते हुए दिखा। जब ढाबा मालिक से पूछा तो उसका पता चल गया। इसके बाद वे उसे साथ लेकर रवाना हुए।
लॉकडाउन से ही तनाव में था, पिता भी थे परेशान रेहान के पिता मनोज शर्मा फोटोग्राफर का काम करते हैं, इस बार कोरोना संक्रमण की आशंक के चलते लॉकडाउन रहा और शादियां व अन्य कार्यक्रम भी नहीं हो रहे हैं। ऐसे में घर की आर्थिक हालत बहुत खराब हो चुकी थी। उसके पिता व अन्य परिजन भी तनाव में चल रहे थे। इस पर रेहान ने ही कुछ करने का निर्णय लिया। ऐसे में वह नौकरी करने के लिए निकल गया। बताते हैं कि रेहान पढ़ाई में भी होशियार है।