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भरतपुर की जेल के अंदर चल रहा बड़ा गंदा खेल… सामने आया सच!

-केंद्रीय कारागृह सेवर में जेल प्रहारी पर आरोप, जेल अधीक्षक बोले: करा रहे मामले जांच, विवादों से घिरी रहती है सेवर जेल

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पिछले काफी समय से विवादों से घिरे केंद्रीय कारागृह सेवर में फिर अवैध वसूली का मामला सामने आया है। हालांकि यह मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी प्रतिबंधित सामग्री अंदर मंगाने के नाम पर अवैध वसूली का खुलासा होता रहा है। अब केंद्रीय कारागृह सेवर में तैनात जेल प्रहरी भरत सिंह कुंतल पर बंदियों से अवैध वसूली, क्रूरतापूर्ण व्यवहार और झूठे आरोप लगाकर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया गया है। आरोप लगाने वालों में एक आजीवन कारावास भुगत रहे बंदी का भाई और चार माह पूर्व जेल से छूटा एक अन्य व्यक्ति शामिल है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जेल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार आरोपी प्रहरी भरत सिंह कुंतल पूर्व में भारतीय सेना में कार्यरत था, इसके बाद उसे जेल प्रहरी के रूप में नियुक्त किया गया। पूर्व में उसकी तैनाती तीन वर्षों तक डीग उप जेल में रही, जहां 2021-22 में एक बंदी के साथ गंभीर मारपीट कर सिर फोड़ देने के आरोप भी लगे थे। फरवरी 2024 में उसे सेवर जेल में स्थानांतरित किया गया। आरोप है कि भरत सिंह जेल में अपनी मनमानी करता है और उसका रवैया तानाशाहीपूर्ण है। पूर्व में वह जेल अधीक्षक के वाहन का चालक था, लेकिन उसके व्यवहार के कारण उसे इस पद से हटा दिया गया था।

हकीकत ये… जेल में चलता रहा वसूली का खेल

हकीकत यह है कि सेवर जेल में अनाधिकृत सामग्री मोबाइल, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, शराब, बाहर का बना खाना व अन्य नशीले पदार्थ अंदर ले जाने की बात सामने आती रही है। करीब तीन साल पहले भी कुछ कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। साथ ही मुख्यालय स्तर पर भी शिकायत की जांच कराई गई थी, लेकिन अब भी इस तरह के मामले कम नहीं हो रहे हैं।

केस नंबर एक: 20 हजार रुपये मासिक वसूली का दबाव

ग्राम गढ़ी तहसील रूपवास निवासी प्रदीप कुमार ने मानव अधिकार आयोग सहित गृह राज्य मंत्री, डीजीपी जेल, जेल अधीक्षक, कलक्टर और एसपी को शिकायत पत्र भेजा है। उसने जेल प्रहरी भरत सिंह कुंतल पर आरोप लगाया कि वह जेल में बंद उसके भाई कुलविंदर उर्फ कुल्लू से तलाशी के नाम पर अमानवीय व्यवहार करता है और 20 हजार रुपए मासिक वसूली की मांग करता है। पैसे नहीं देने पर झूठे नशे के आरोप लगाकर जेल रिकॉर्ड खराब करने की धमकी देता है। इसके अलावा महंगे जूते और ट्रैक शूट जैसी वस्तुओं की मांग करता है।

केस नंबर दो: प्रताडऩा और वसूली का आरोप

डीग निवासी बंटी गुर्जर जो डेढ़ साल की सजा काटकर चार माह पहले रिहा हुआ है, ने भी प्रहरी भरत सिंह पर संगीन आरोप लगाए हैं। बंटी का कहना है कि जब भी भरत सिंह की जेल में ड्यूटी होती थी। वह बंदियों से मासिक बंदी के रूप में हजारों रुपए मांगता था। पैसे नहीं देने पर उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। यदि कोई बंदी उसकी शिकायत करता है तो उसे कठोर यातनाएं दी जाती थीं। प्रहरी के डर से बंदी अपने परिवार वालों से एसटीडी फोन पर बात कर पैसा मंगाते थे और उसको पैसा देते थे, तब जाकर वे चैन से रह पाते थे।

आरोपियों की पृष्ठभूमि भी संदिग्ध

हालांकि जेल प्रहरी पर आरोप लगाने वाले दोनों व्यक्तियों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी संदिग्ध बताई जा रही है। बंटी गुर्जर के खिलाफ विभिन्न आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि उसने पूर्व में एक प्रहरी की मदद से अवांछित सामग्री जेल में मंगवाई थी, जिसे पकड़े जाने पर संबंधित प्रहरी बंटी को निलंबित कर दिया गया था।

आरोप झूठे और निराधार: प्रहरी

-मुझ पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और निराधार हैं। जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं, मैं उन्हें जानता तक नहीं हूं। यह सब मनगढ़ंत आरोप हैं।
-भरत सिंह कुंतल, प्रहरी, सेवर जेल भरतपुर

प्राप्त शिकायत की जांच जारी है: जेल अधीक्षक

प्रहरी भरत सिंह कुंतल के खिलाफ शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। यदि वह दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा।
-परमजीत सिंह सिद्धू, अधीक्षक, केंद्रीय कारागृह सेवर, भरतपुर