भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग को लेकर हो रहा आंदोलन शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि अब मुख्यमंत्री के साथ जाट आंदोलनकारियों की वार्ता को लेकर सहमति बनी है। समिति ने 16 सदस्यीय सूची भी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप दी है। संभवतया 20 जनवरी को वार्ता की तारीख तय हो जाएगी। अब महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर महापड़ाव स्थल पर पहुंची।
उच्चैन के गांव जयचोली के पास मुंबई रेलवे ट्रैक के निकट महापड़ाव स्थल पर आन्दोलनकारियों ने सद्बुद्धि यज्ञ किया। इसमें आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और केन्द्र सरकार हमारी इंसानियत का फायदा उठा रही है, फिर भी हमने 22 जनवरी का समय दिया है कि 22 जनवरी तक हमारा आन्दोलन गांधीवादी तरीके से होगा। फिर भी सरकार नहीं जागती है तो उग्र आन्दोलन की रणनीति बनाई जाएगी। महिलाओं ने कहा कि हम पुरुषों से कम नहीं। आन्दोलन में हम भी भागीदारी निभाएंगी। आन्दोलन के तीसरे दिन महापड़ाव स्थल पर गांव सहना, फतेहपुर, जयचोली सहित आधा दर्जन गांवों की महिलाएं हाथों में लाठी लेकर महापड़ाव स्थल पर पहुंची और कहा कि हमारे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज को केन्द्र में आरक्षण जरूरी है जो कि जायज है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की मांग में हम भी पुरुषों से आगे हैं। हम भी आन्दोलन में अपनी भागीदारी निभाएंगी।