गुरुनानक देव का ३५३वां प्रकाश पर्व मनाया
भरतपुर. सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव का ३५३वां प्रकाश पर्व मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में शब्द कीर्तन व कथा के माध्यम से गुरुनानक देव का इतिहास बताया गया और सार्वजनिक जीवन में सुख-शांति की अरदास की गई।
गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में मंगलवार सुबह अखंड पाठ साहिब की समाप्ति के बाद पाठ साहिब की सेवा गोवर्धनसिंह , जोगेंद्र सिंह की ओर से ली गई। इसके बाद कीर्तन दीवान प्रारंभ हुआ, जिसमें भाई राजेंद्र सिंह खालसा की ओर से 'सतगुरु नानक प्रगट्या, मिटी धुंध जग चानन ...' शब्द कीर्तन गायन किया। दिल्ली से आए भाई मनप्रीत सिंह दिल्ली वालों ने 'ना कोई बैरी ना बेगाना सगल संग हम को बन आईÓ शब्द कीर्तन का गायन कर भाव विभोर कर दिया। स्कूल छात्र प्रभज्योत सिंह ने गुरु साहिब की स्तुति में कविता पाठ किया। भाई जसवीर सिंह व गुरुमत क्लास की छात्राओं ने भी कीर्तन प्रस्तुति दी।
सभा प्रधान सरदार इंद्रपाल सिंह ने सभी को गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर सिख समाज के साथ अन्य सभी समाज के प्रमुख व्यक्तियों सहित सरदार गोवर्धन सिंह, डॉ. गुरु दीप सिंह, दलबीर सिंह, हरभजन सिंह, महेन्द्र सिंह मगो, पाल सिंह, प्रभु दयालू सिंह, हीरा सिंह सर्वजीत सिंह, परमजीत सिंह , जितेन्द्र सिंह मौजूद थे।
लंगर की व्यवस्था सरदार ततेन्द्र पाल बिंद्रा, चरणजीत सगु ने संभाली। सचिव चरण जीत सिंह ने सभी श्रद्धालुओं को कार्यक्रम की सफलता पर धन्यावाद दिया । दीवान समाप्ति पश्चात लंगर सेवा की गई। शाम के दिवान में भी शब्द कीर्तन गायन हुआ। इस अवसर पर गुरुद्वारों में व घरों मे दीपक जलाए गए व रोशनी की खास व्यवस्था की गई। इसके अलावा, अन्य गुरुद्वारों में भी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।