विधायक गर्ग बोले: जिला प्रशासन व भूमाफिया की साजिश विधानसभा में यह मुद्दा विधायक डॉ. सुभाष गर्ग ने उठाया। उन्होंने कहा कि भरतपुर शहर की सबसे बड़ी जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यकाल में यह 374 करोड़ रुपए की योजना बनाई। पहला फेज 282 करोड़ व दूसरा फेज 92 करोड़ रुपए का था। इस प्रथम चरण में 4.8 किमी ड्रेन, दूसरे में 2.78 ड्रेन बननी थी, जो कि बंद थी। प्र्रथम फेज 90 किमी नाले-नालियां, द्वितीय चरण में 94 किमी की पक्की नालियां बनाई जानी थी। कुछ प्रशासनिक अधिकारी व भूमाफिया ड्रेनेज प्रोजेक्ट को रोकना चाह रहे हैं। जो काम जुलाई 2024 में पूरा होना था। वह 2025 तक कर दिया गया है। एमएनआईटी की टीम को कहा गया है कि ड्रेन को खुला रखा जाना है। निर्देश ऊपर से आए हैं। सुजानगंगा नहर पहले से ही सुसाइड पॉइंट बन चुकी है और ड्रेन को भी खुला रखा गया तो एक और सुसाइड पॉइंट विकसित हो जाएगा। अब ड्रेनेज प्रोजेक्ट को फेल किया जा रहा है। नागरिकों की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। प्रकरण की जांच कराएं। जिला प्रशासन व भूमाफियाओं के साथ मिलकर यह साजिश की जा रही है।
इस कारण हो रहा विवाद शहर में अनाह गेट से लेकर काली की बगीची तक जो कवर्ड नाला बनना है, उसे जीए इन्फ्रा प्रालि. एंड पारुल कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से वर्क ऑर्डर के अनुसार बनाया जाना था। सरकार बदलते ही जिला प्रशासन ने पूर्व के कवर्ड नाले को मिथ्या व्यय मानते हुए खुले नाले का प्रस्ताव रखकर विवाद पैदा कर दिया। अब कंपनी भी इसके विरोध में है। प्रशासन रि-डिजाइन करा चुका है।