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रेलवे स्टेशन पर खुलेगी चाइल्ड लाइन डेस्क, लावारिस बच्चों को मिलेगी मदद

भरतपुर समेत जिले के अन्य रेलवे स्टेशनों पर लावारिस हालत में मिलने वाले बच्चों को अब चाइल्ड लाइन के जरिए उनके परिजनों तक पहुुंचाने का कार्य होगा।

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रेलवे स्टेशन पर खुलेगी चाइल्ड लाइन डेस्क, लावारिस बच्चों को मिलेगी मदद

रेलवे स्टेशन पर खुलेगी चाइल्ड लाइन डेस्क, लावारिस बच्चों को मिलेगी मदद

भरतपुर. भरतपुर समेत जिले के अन्य रेलवे स्टेशनों पर लावारिस हालत में मिलने वाले बच्चों को अब चाइल्ड लाइन के जरिए उनके परिजनों तक पहुुंचाने का कार्य होगा। अभी तक यह कार्य शहर में संचालित एक एनजीओ की चाइल्ड लाइन देख रही थी। लेकिन अब केवल रेलवे स्टेशन परिसर में मिलने वाले बच्चों को संबंधित संस्था की ओर से संभाला जाएगा। यह एनजीओ अब भरतपुर, बयाना, नदबई और रूपवास स्टेशन पर भी अपने टीम के सदस्य रखेंगे, जिससे लावारिस बच्चों को तुरंत सहायता मिल पाए और उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।


जानकारी के अनुसार सोसायटी फोर सोशल चेंज एण्ड डवलपमेंट सोसायटी की ओर से संचालित जीवन ज्योति बाल गृह व जीवन ज्योति शिशु गृह द्वारा भरतपुर रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन डेस्क खोलेगी। रेलवे की ओर से स्टेशन पर डेस्क खोलने की स्वीकृति जारी की गई है। यह डेस्क स्टेशन के अंदुरुनी परिसर में रहेगी। जिससे लावारिस मिले बच्चे को तुरंत डेस्क पर कोई भी यात्री या आरपीएफ कर्मी पहुंचा सकेंगे। इससे पहले संस्था दिशा फाउण्डेशन की ओर से चाइल्ड लाइन यह कार्य देख रही थी। आरपीएफ प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन डेस्क खुलेगी। इससे लावारिस मिलने वाले बच्चों को तुरंत सहायता मिलेगी और उनके परिजनों के पास जल्द पहुंचाया जा सकेगा।

देशभर में 121 स्टेशनों पर खुली डेस्क


देश में चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउण्डेशन की ओर से 549 स्थान और 121 रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड लाइन संचालित हो रही है। यहां पड़ोसी स्टेशन मथुरा व आगरा में भी चाइल्ड लाइन डेस्क खुली हुई है। चाइल्ड लाइन डेस्क से छोटे बच्चों को संभालने में आरपीएफ को मदद मिलती है और इन बच्चों को जल्द से जल्द परिजनों तक पहुंचाने में आसानी रहती है।

यह रहेगा स्टाफ


चाइल्ड लाइन डेस्क पर सोसायटी ओर से एक कॉर्डिनेटर रहेगा। इसके अलावा सात सदस्य, तीन वॉलिन्टियर्स और एक काउंसर भी रहेगा। यह चाइल्ड लाइन भरतपुर के साथ बयाना, रूपवास, नदबई स्टेशनों को भी कवर करेंगी।