तर्क ये…आउटर्स रोड मशीन से साफ होंगी, संसाधन निगम के पार्षदों ने बताया कि नगर निगम ने सफाई व्यवस्था की डीपीआर भी बोर्ड बैठक में रखे बगैर ही बनवाई है। फीडबैक फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से करीब 90 हजार रुपए में यह डीपीआर बनवाई गई है। डीपीआर बनवाने से पहले प्रस्ताव बोर्ड बैठक में नहीं रखा गया, जबकि इसे बैठक में रखने का नियम था। 27 दिसंबर 2020 की बैठक में 8.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति सफाई व कचरा परिवहन के टेंडर के लिए दी गई थी। बीट सफाई, कचरा परिवहन, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, संसाधनों की मरम्मत के लिए ठेका किया जाता है। अब जो नया ठेका किया जा रहा है इसमें तर्क दिया गया है कि आउटर्स रोड मशीन से साफ होंगी। सारे संसाधनों पर जीपीएस लगाए जाएंगे। फर्म ने शर्त रखी है कि जितने भी संसाधन है वह नगर निगम उपलब्ध कराएगा। आउटर्स के वार्डों में ही काम करेगी। बाकी वार्डों में स्थायी कर्मचारी सेवा देते रहेंगे।
सफाई के प्रस्ताव के विरोध में उतरे 39 पार्षद, की बैठक भरतपुर. नगर निगम की बोर्ड बैठक के एजेंडा में प्रस्तावित सफाई व्यवस्था के ठेका को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष, दोनों के ही पार्षद विरोध में उतर आए हैं। करीब 39 पार्षदों ने शहर के खंडेलवाल धर्मशाला में बैठक कर विरोध व्यक्त किया। साथ ही निर्णय लिया गया कि मेयर नगर निगम को प्राइवेट कंपनी के लिए बेचने में तुले हुए हैं। सफाई व्यवस्था का नया प्रस्ताव जनता पर भार डालने वाला है। पार्षदों को आमजन ने चुना है, आमजन के हितों के लिए पार्षद संघर्ष करेंगे। जो सफाई कार्य आधे बजट में हो रहा है, उसे दोगुना करने के पीछे साजिश छिपी हुई है। सभी पार्षद किसी भी कीमत पर इस प्रस्ताव को पारित नहीं होने देंगे। बैठक में भाजपा के सभी पार्षदों के अलावा निर्दलीय पार्षद भी उपस्थित थे।
एजेंडा में ये प्रस्ताव भी शामिल -प्रस्ताव संख्या 67 में मास्टर ड्रेनेज सिस्टम की डीपीआर तैयार करने एवं ड्रेनेज कार्य की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंसी के कार्य की संशोधित राशि 3.13 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार
-प्रस्ताव संख्या 68 में भरतपुर शहर की ड्रेनेज व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के कार्य पर होने वाले व्यय राशि 275.66 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति पर विचार -प्रस्ताव संख्या 70 पर शहर सौंदर्यीकरण के लिए शहर के मुख्य चौराहे एवं सर्किलों के नामकरण हेतु कमेटी गठित किए जाने पर विचार शामिल है।