मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री व राजस्थान के 25 सांसद प्रदेश की एकमात्र ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करा सके। प्रधानमंत्री ने जयपुर और अजमेर में वादा कर कहा था कि 13 जिलों की परियोजना के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे, लेकिन कुछ नहीं किया। आज लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। पानी वाला मंत्री राजस्थान का है। 25 सांसद हैं, कोई भी यह काम नहीं करा पाया। उनको डूब के मर जाना चाहिए कि वो पानी नहीं तक ला पाए।
वे शुक्रवार को डीग के लक्ष्मण मंदिर पर हुई सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ भेदभाव कर रहे वो लोग वोट किस बात के लिए मांग रहे हैं, कौनसा काम उन्होंने किया है राजस्थान के लिए। हम चंबल का पानी लेकर आए, इससे लोगों को राहत मिली है। हालांकि अभी भी कुछ लोगों को परेशानी आ रही है। इसको पूरा करने का प्रयास किया है। प्रदेश में कार्य करने में कोई कमी नहीं रखी। महंगाई राहत शिविर में 500 रुपए में गैस सिलेंडर की घोषणा की थी, उसको लागू कर दिया है। दुर्घटना बीमा लागू कर दिया। डीग में गल्र्स कॉलेज, कुम्हेर में नर्सिंग कॉलेज खोला गया। जिला बनने से डीग में जिला अस्पताल बन गया। डीग पुलिस चौकी को थाना, जीएसएस, डीग-कुम्हेर में खेल स्टेडियम के साथ कुम्हेर-डीग बाइपास की घोषणा कर स्वीकृति भी जारी कर दी गई। काम की कोई कमी नहीं रखी। गहलोत ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी जांच एजेंसियों की मारक क्षमता बढ़े। यह मजबूत हो, लेकिन इनका उपयोग राजनीतिक द्वेषता के लिए नहीं होना चाहिए। आरोप लगाया कि वो सिर्फ विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है। सभा में कांग्रेस प्रत्याशी विश्वेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने भी विचार रखे। इस अवसर पर राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, विधायक वाजिब अली, पूर्व सांसद पंडित रामकिशन, एम्स के पूर्व अपर निदेशक डॉ. पदम सिंह, सभापति निरंजन टकसालिया, प्रधान शिखा कौंरेर, महिला जिलाध्यक्ष लता खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।