कम्प्यूटर ऑपरेटर ने रिश्वत राशि लेकर भाई को थमाई, एसीबी ने दोनों को पकड़ा
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार शाम सहायक औषधि नियंत्रण कार्यालय में कार्रवाई कर कम्प्यूटर ऑपरेटर (संविदाकर्मी) को नई मेडिकल दुकान का लाईसेंस जारी करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है।

भरतपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार शाम सहायक औषधि नियंत्रण कार्यालय में कार्रवाई कर कम्प्यूटर ऑपरेटर (संविदाकर्मी) को नई मेडिकल दुकान का लाईसेंस जारी करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोपी ने रिश्वत राशि अपने भाई को थमा दी, जिस पर एसीबी ने राशि बरामद कर आरोपी के भाई को भी गिरफ्तार किया है। अचानक हुई कार्रवाई से कार्यालय में हड़कंप मच गया। एसीबी की टीम बाद में आरोपी व उसके भाई को एसीबी चौकी लेकर रवाना हो गई। लाईसेंस जारी करने की एवज में संविदा कर्मी ने 15 हजार रुपए मांगे थे।
एसीबी के एएसपी महेश कुमार मीणा ने बताया कि परिवादी शैलेश कुमार शर्मा पुत्र भूदत्त निवासी भूमिया बुर्ज, लाला मोहल्ला कामां ने एसीबी कार्यालय में मंगलवार को लिखित में शिकायत दी थी। इसमें बताया कि उसके नई मेडिकल दुकान खोलने के लिए लाईसेंस के लिए आवेदन किया था। औषधि नियंत्रण कार्यालय में तैनात नवीन कम्प्यूटर ऑपरेटर नवीन गोयल पुत्र महेश चंद निवासी नदिया मोहल्ला भरतपुर ने ऑनलाइन फाइल तैयार कर कहा कि एसीडी चंद्रप्रकाश मुआयना करेंगे, जिनके लिए तुम्हें 15 हजार रुपए देने होंगे। मुआयना के बाद तुम्हें डीएम नम्बर मिलेगा। शिकायत कर सत्यापन कराया गया। जिसमें पाया कि कम्प्यूटर ऑपरेटर ने लाईसेंस जारी करने के लिए 15 हजार रुपए की मांग की और कहा कि एडीसी से बात कर ली है। वह राशि दे जाए, काम करवा देगा। शिकायत सही मिलने पर एसीबी ने जाल बिछाया। परिवादी ने कार्यालय पहुंच कर कम्प्यूटर ऑपरेटर नवीन गोयल को 10 हजार रुपए दे दिए जो उसने पास में बैठे अपने भाई पवन गोयल को थमा दिए जो उसने पेंट की दाहिनी जेब में रख लिए। एसीबी टीम ने कार्रवाई कर आरोपी कम्प्यूटर ऑपरेटर नवीन व उसके भाई पवन को पकड़ लिया। रिश्वत राशि पवन से बरामद कर ली। कार्रवाई दल में रीडर हरभानसिंह, जितेन्द्र सिंह, सुशील कुमार, भोजराज सिंह, दिलीप, विनोद, रितेश, परसराम व विजय सिंह शामिल थे।
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