अब पोल्टी फॉर्मों पर नजर घना सहित अन्य पक्षियों के नमूने नेगेटिव आने पर पशुपालन विभाग फिलहाल सुकून में है। फिर भी एहतियातन जिले के मुर्गी फार्मों पर विभाग की नजर है। जिले में 95 पोल्टी फॉर्म हैं, जिनके निरीक्षण का कार्य विभाग ने शुरू कर दिया है। इन फार्म में एक अनुमान के मुताबिक 3 लाख 34 हजार 237 मुर्गे-मुर्गी हैं। इनमें रोग के लक्षणों को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। यदि यहां पक्षी मरे मिलेंगे तो उनकी बीट और ब्लड के नमूने लेकर जांच को भिजवाए जाएंगे। फिलहाल 7 फार्म का निरीक्षण हो चुका है, जिनमें चिंताजनक कुछ भी सामने नहीं आया है।
100 नमूने किए एकत्रित पशुपालन विभाग ने अब बार हेडेड गूज सहित अन्य पक्षियों के नमूने संकलित किए हैं। प्रथम दृष्टया इनमें बर्ड फ्लू जैसे लक्षण नजर नहीं आए हैं। विभाग ने 60 नमूने घना से, 20 नोनेरा से तथा 20 नमूने बंध बरैठा से संकलित किए हैं, जिन्हें स्टेट लैब के जरिए जालंधर भेजा गया है। यदि यहां से कुछ भी आशंकित नजर आता है तो नमूनों को जांच के लिए एकमात्र लैब भोपाल भेजे जाएंगे।
विभाग मान रहा सामान्य मौत पशुपालन विभाग का कहना है कि सर्दी के मौसम में अमूमन कौवा सहित अन्य पक्षियों की मौत हो जाती है। इस बार बर्ड फ्लू का हौवा होने के कारण हो-हल्ला ज्यादा मच गया। विभाग का कहना है कई परिंदे अधिक सर्दी लगने के कारण काल के गाल में समा जाते हैं, जो कि सामान्य मौत है, लेकिन इस बार बर्ड फ्लू ने लोगों को चिंतित कर दिया, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।
कहां कितने पोल्टी फार्म
नगर 11
भरतपुर 2
भरतपुर ग्रामीण 5
कुम्हेर 7
डीग 6
कामां 24
पहाड़ी 15
नदबई 13
भुसावर 3
बयाना 4
रूपवास 1
उच्चैन 8 इनका कहना है जिले के लिए सुकून की बात यह है कि यहां के पक्षियों के अब तक भेजे गए नमूने नेगेटिव आए हैं। बार हेडेड गूज से खतरे की आशंका ज्यादा थी, लेकिन प्रथम दृष्टया घना सहित अन्य स्थानों पर मरे पक्षियों के नमूने में फ्लू नहीं मिला है। फिर भी विभाग पूरी तरह सतर्क है। इसके लिए आरआरटी टीमों का गठन कर रखा है।
नगर 11
भरतपुर 2
भरतपुर ग्रामीण 5
कुम्हेर 7
डीग 6
कामां 24
पहाड़ी 15
नदबई 13
भुसावर 3
बयाना 4
रूपवास 1
उच्चैन 8 इनका कहना है जिले के लिए सुकून की बात यह है कि यहां के पक्षियों के अब तक भेजे गए नमूने नेगेटिव आए हैं। बार हेडेड गूज से खतरे की आशंका ज्यादा थी, लेकिन प्रथम दृष्टया घना सहित अन्य स्थानों पर मरे पक्षियों के नमूने में फ्लू नहीं मिला है। फिर भी विभाग पूरी तरह सतर्क है। इसके लिए आरआरटी टीमों का गठन कर रखा है।
– नगेश कुमार चौधरी, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग भरतपुर