scriptकेवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पेड़ों की कटाई… अब बड़ा खुलासा! | भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में स्थानीय प्रजातियों के काटे गये पेड़ों और झाडिय़ों के मामले में नोटिस जारी किया है। | Patrika News
भरतपुर

केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पेड़ों की कटाई… अब बड़ा खुलासा!

-एनजीटी ने लिया संज्ञान, पक्षकारों को जारी किए नोटिस

भरतपुरApr 28, 2024 / 07:23 pm

Meghshyam Parashar

वर्ष 2023 में भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में मैनेजमेंट प्लान के तहत बनाए गए कच्चे रास्ते और तालाबों के निर्माण के दौरान स्थानीय प्रजातियों के काटे गये पेड़ों और झाडिय़ों के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राजस्थान सरकार सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। एनजीटी की पीठ की ओर से पारित आदेश में इस मामले में राजस्थान सरकार के साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन राजस्थान, ताज ट्रैपेोजियम जोन के सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पक्षकार या प्रतिवादी के रूप में शामिल किया है।
आगरा के पर्यावरणविद् डॉ. केपी सिंह की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिका ने पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन के संबंध में महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। पीठ ने आदेश में कहा कि उपरोक्त उत्तरदाताओं को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए। पीठ ने आगे की कार्रवाही के लिए सेंट्रल जोन बेंच भोपाल के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया था। डॉ. के पी सिंह बताते हैं कि यह केवल पेड़ व झाड़ी काटने का मामला नहीं है, बल्कि राजस्थान सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का भी मामला है। टीटीजेड क्षेत्र में आगरा की सूर सरोवर बर्ड सेन्चुरी का मैनेजमेंट प्लान सुप्रीम कोर्ट की सीईसी से अप्रूवल होकर आता है। इसके बाद कार्य शुरू होता है, लेकिन केवलादेव पार्क के मैनेजमेंट प्लान को सुप्रीम कोर्ट की सीईसी में अप्रूवल के लिए भेजा ही नहीं गया और नियमों को ताक पर रखकर वहां का हेविटाट नष्ट किया गया।
सेंट्रल जोन बेंच ने जांच के लिए गठित की समिति

एक अप्रेल को सेंट्रल जोन बेंच माननीय राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में ओए संख्या 41/2024(सीजैड) एवं ओए संख्या 9/2024(पीबी), डॉ कृष्ण प्रताप सिंह बनाम एमओईएफ एंड सीसी व अन्य में आदेश पारित करते हुए जिला कलेक्टर भरतपुर व राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की संयुक्त समिति का गठन कर 6 सप्ताह में रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के क्रम में समिति के नामित सदस्यों की ओर से केवलादेव नेशनल पार्क का भौतिक निरीक्षण 25 अप्रेल को किया गया है।
यह है मामला

वर्ष 2023 में घना में करीब 29 वर्ग किलोमीटर में फैले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के अंदर चारों तरफ चारदीवारी के पास में करीब 26 किमी क्षेत्र में कच्ची सडक़ का निर्माण और तालाबों का निर्माण किया गया था। सडक़ व तालाब निर्माण के दौरान उद्यान में मौजूद करीब एक दर्जन से भी अधिक प्रजाति के सैकड़ों पेड़ों व झाडिय़ों को काट दिया गया था। इनमें देशी कदम, देशी बबूल, पीलू, बेर, हींस, करील, पापड़ी, नीम आदि के पेड़ व झाडिय़ां शामिल हैं। प्रकरण संज्ञान में आने के बाद डॉ. केपी सिंह की ओर से 16 जून 2023 को चैयरमैन ताज ट्रिपेजियम जोन को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन उपरोक्त प्रकरण का कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद शिकायत कर्ता ने 10 अगस्त 2023 को एनजीटी में याचिका दाखिल की थी।

Home / Bharatpur / केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पेड़ों की कटाई… अब बड़ा खुलासा!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो