पुलिस अधीक्षक डॉ.अमनदीप सिंह कपूर ने बताया कि चिकसाना थाने के कांस्टेबल लक्ष्मनसिंह ने एक तहरीर रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया कि रविवार रात को वह सन्तरी ड्यटी कर रहा था। रात करीब 11 बजे एक व्यक्ति थाने के गेट पर आया और रोबीले अन्दाज में कहा कि मैं सौरभ कुमार आईएसएस हूं। दिल्ली विदेश मन्त्रालय में पद स्थापित हूं। उसने एएसआई सुरेन्द्र को बुलाने के लिए कहा। साथ ही कहा कि उसने कल ही सुरेन्द्र का स्थानान्तरण थाना चिकसाना से पुलिस लाइन करने के लिए बड़े अधिकारियों से शिकायत की है। जिस पर उसने स्लूट किया और कुर्सी पर बैठने के लिए कहा और एएसआई को बुलाने चला गया। इस दौरान वह थाने में अंदर घुसने लगा जिस पर उससे मना किया। जिस पर उसने धक्का देते हुए उसका गलेबान पकड़ लिया। शोर सुनकर स्टाफ आ गया और उसे सौरभ से छुड़ाया। जिस पर पुलिस ने फर्जी आईएएस सौरभ उर्फ विष्णु उर्फ वीके पुत्र रामधन निवासी लुहासा थाना नदबई हाल कुम्हेर रोड वेयर हाउस के पास नदबई को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि पकड़े आरोपी के खिलाफ विभिन्न थानों सात मामले दर्ज हैं।
आठवीं पास ने एसपी व आईजी को भी दिखा झांसा आरोपी आठवीं पास है और बेरोजागार है। पूछताछ में मालूम हुआ कि उसने फर्जी आईएएस बनकर रेंज आईजी व जिला पुलिस अधीक्षक को फोन कर एएसआई सुरेन्द्रसिंह का स्थानान्तरण चिकसाना से पुलिस लाइन कराने के लिए फोन किया था। इसी तरह बाद में आईजी व एसपी को एएसआई का तबादला थाना चिकसाना से घाटौली चौकी तथा खेडली मोड चौकी के लिए फोन किया था। उसने बताया कि 26 जुलाई को वह अपनी ससुराल चिकसाना आया था। उसे मामूल हुआ कि सुरेन्द्र सिंह उसके ससुरालीनों को परेशान करता है तो वह पुलिस थाने पहुंच गया। यहां गेट पर उसे संतरी मिला जिससे उसने आईएएस बताया था।