
प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेन, टूटे कांच (फोटो- पत्रिका)
भरतपुर। रविवार को बयाना स्थित पीलूपुरा के शहीद स्मारक पर गुर्जर आरक्षण महापंचायत का आयोजन हुआ। इस महापंचायत में देशभर से गुर्जर समाज के हजारों लोग पहुंचे। आयोजन को लेकर राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन तक पूरी तरह सतर्क था। सुरक्षा के मद्देनजर आरएसी की छह कंपनियों की तैनाती की गई थी। ट्रेन रोकने के दौरान कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव भी किया, जिससे कांच टूट गया।
महापंचायत को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि हर बात जनता के सामने होगी, बंद कमरों में नहीं। यह जो प्रस्ताव है, वह अब तक नहीं खोला गया। यह एक जादू की डिबिया है।” उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए आरक्षण और नियुक्तियों के मुद्दे पर पारदर्शिता की मांग की।
उत्तर प्रदेश के सपा विधायक अतुल प्रधान ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान और दिल्ली की सरकारें गुर्जर समाज की आवाज सुन रही हैं और यह आंदोलन केवल एक राज्य तक सीमित नहीं रहेगा। सामाजिक संगठनों की मजबूती पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं पर पार्टी का दबाव होता है, जबकि सामाजिक संगठनों के लोग निडर होकर बोल सकते हैं।
महापंचायत समाप्त होते ही युवाओं के एक गुट ने अचानक रेलवे ट्रैक पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया। इससे बयाना-हिंडौन रेलवे मार्ग पूरी तरह ठप हो गया। मथुरा-सवाई माधोपुर पैसेंजर को आंदोलन स्थल पर रोका गया, जबकि बांद्रा-बरौनी अवध एक्सप्रेस को फतेहसिंहपुरा स्टेशन पर रोकना पड़ा। कई अन्य ट्रेनों के रूट भी बदले गए। गर्मी में फंसे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एक यात्री विनीत कुमार ने कहा, “जब पता चला कि आंदोलन की वजह से ट्रेन रुकी है, तो बहुत घबराहट हुई।” वहीं, बबलू ओझा ने बताया कि उन्होंने पिछली बार पूरी रात ट्रैक पर फंसे रहना झेला था, इसलिए इस बार ट्रेन से उतरकर पैदल ही बयाना रवाना हो गए।
ट्रेन रुकने के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने एक ट्रेन पर पथराव कर दिया। ऐसे में ट्रेन का कांच टूट गया। टूटे हुए ट्रेन के कांच की तस्वीरें सामने आई हैं। कांच टूटने के बाद कोच में ही बिखर गया। पत्थरबाजी के दौरान यात्रियों में भय का महौल पैदा हुआ।
हालांकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने हस्तक्षेप कर ट्रैक खाली करवा दिया। विजय बैंसला ने आंदोलनकारी युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही 9वीं अनुसूची से जुड़ी चिट्ठी जारी करेगी और कैबिनेट की मंजूरी भी मिल जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि जून के पहले हफ्ते में बैठक कर बाकी लंबित मुद्दों को भी सुलझाया जाएगा।
धरना देने वाले युवाओं का कहना है कि वे पिछले 80 दिनों से दौसा के सिकंदरा में नियुक्तियों की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। इनमें से 372 युवा REET 2018 और 233 युवा REET 2021 की भर्ती की प्रतीक्षा में हैं। इसके अलावा पशु चिकित्सा भर्ती 2019 और आरजेएस भर्ती से जुड़े मुद्दे भी शामिल हैं। गुर्जर नेता रतन पटेल ने बताया कि सरकार से कई बार आग्रह के बावजूद अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
Updated on:
08 Jun 2025 10:18 pm
Published on:
08 Jun 2025 10:05 pm
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