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गुर्जर महापंचायत : दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक दो घंटे जाम, पटरियां उखाड़ने की कोशिश

Gurjar Mahapanchayat: बयाना के पीलूपुरा में महापंचायत में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक विजय बैंसला ने मसौदा पढ़कर सुनाया और वे तुरंत ही महापंचायत समाप्ति की घोषणा कर निकल गए।

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Gurjar Mahapanchayat

युवाओं ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम किया। (फोटो पत्रिका)

Gurjar Mahapanchayat: राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना के गांव पीलूपुरा में रविवार को गुर्जर समाज की महापंचायत के बाद अचानक कुछ युवा आक्रोशित हो गए। रीट भर्ती 2018 के शेष 372 पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर युवाओं ने महापंचायत समाप्ति की घोषणा के बाद माइक हाथ में लिया। साथ ही महापंचायत में हुए निर्णय पर नाराजगी व्यक्त की। इसके साथ ही भीड़ ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक की ओर कूच किया। जहां मथुरा-सवाईमाधोपुर पैंसेजर ट्रेन को रोक दिया। इससे ट्रैक बंद हो गया। युवाओं ने पटरियां उखाड़ने की कोशिश की। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक दो घंटे बाधित रहा।

पीलूपुरा में हुई महापंचायत

पीलूपुरा स्थित शहीद स्मारक पर गुर्जर समाज की महापंचायत हुई। इसमें गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला ने राज्य सरकार की ओर से आया मसौदा पढ़कर सुनाया। साथ ही मसौदे पर सहमति व्यक्त करते हुए महापंचायत समाप्ति की घोषणा की। उनके वहां से निकलने के तुरंत बाद रीट भर्ती 2018 में शेष 372 पदों पर नियुक्ति की मांग कर रहे कुछ युवाओं ने फैसले का विरोध जताया और रेलवे ट्रैक की ओर से कूच कर दिया। उनके साथ भीड़ भी ट्रैक पर रवाना हो गई।

ट्रेन को जबरन रोका

प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पहुंचकर ट्रैक से फिशप्लेट खोल दी। मथुरा से सवाई माधोपुर जा रही एक ट्रेन को जबरन रोक दिया और ट्रेन के इंजन पर पथराव कर दिया। रेलवे ट्रैक पर विरोध कर रहे युवाओं को शांत करने के लिए उत्तर प्रदेश की मेरठ विधानसभा सीट से विधायक अरुण प्रधान को हस्तक्षेप करना पड़ा। उनकी लम्बी समझाइश के बाद युवाओं ने ट्रैक खाली किया और रेल यातायात को पुन: बहाल किया गया। इस घटनाक्रम के कारण लगभग दो घंटे तक रेल यातायात प्रभावित रहा।

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आश्वासन नहीं चल सकता काम

महापंचायत के दौरान विजय बैंसला ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव संतोषजनक है और समिति की सात प्रमुख मांगों पर सहमति बन चुकी है। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार कैबिनेट स्तर पर प्रस्ताव पारित कर 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु केंद्र को भेजेगी। इसके बाद उन्होंने आंदोलन समाप्त करने की बात कही। हालांकि, बैंसला की इस घोषणा से असंतुष्ट कुछ युवा सभा छोड़कर सीधे रेलवे ट्रैक की ओर बढ़ गए। युवाओं का कहना था कि केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता और वे आंदोलन जारी रखने के पक्षधर हैं।

इन मांगों पर बनी सरकार से सहमति

एमबीसी आरक्षण : 5 प्रतिशत एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में जोडऩे के लिए राज्य कैबिनेट प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजेगा।

मुकदमों का निस्तारण : 2023 में बनी सहमति के तहत आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा। इसके लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।-भर्तियों में विसंगतियां: लंबित भर्तियों में रोस्टर प्रणाली से जुड़ी समस्याओं पर मंत्रीगणों की समिति 60 दिन में समाधान देगी।

अनुकंपा नियुक्ति : शहीद रूप नारायण गुर्जर के एक परिजन को सरकारी सेवा में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। इस पर शीघ्र कार्रवाई होगी।

योजनाओं की निगरानी : देवनारायण योजना सहित सभी संबंधित योजनाओं की मासिक समीक्षा की जाएगी, इसमें संघर्ष समिति के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाएगा।

फैसले से समाज पूरी तरह खुश

फैसले से समाज बहुत खुश है। सरकार के मसौदे पर सहमति दी है। 27 मई को राज्य सरकार को चिट्ठी भेजी गई थी। सरकार ने निर्धारित समय पर सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। नौवीं अनुसूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्तियों का टाइम फ्रेम के अनुसार निस्तारण होगा। एक शहीद के मामले में अनुकंपा नियुक्ति की मांग सरकार ने स्वीकार कर ली है। कुछ युवाओं ने असमंजस में ट्रेक जाम करने का कदम उठा लिया था, उन्हें समझा कर ट्रैक से हटवा दिया गया है। वो भी अब खुश हैं।
विजय बैंसला, संयोजक, गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति

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