
क्या आपने देखा है चलता-फिरता शिवलिंग!
Have you seen the moving Shivling!
भरतपुर. राजस्थान का कुम्हेर (kumher) कस्बा इन दिनों एकाएक चर्चा में आ चुका है। देश की राजधानी दिल्ली से 150 किमी दूर राजस्थान (Rajasthan) के जिले भरतपुर (Bharatpur) के इस कस्बे में लोग अब दूर दूर से यहां पहुंच रहे हैं...और वजह है यहां दिखने वाला चलते फिरते शिवलिंग।
दरअसल, कुम्हेर के निकट लौठा वन के पास बने तालाब में मिला बेहद दुर्लभ प्रजाति का कछुआ ग्रामीणों के कौतुहल संग आस्था का केंद्र बना हुआ है। कछुए की पीठ पर उभरी आकृति शिवलिंग की तरह दिखाई दे रही है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
दाना डालते समय आया नजर
कुम्हेर गांव के लौठावन में सेवादास महाराज को पिछले दिनों यह कछुआ तालाब में मछली और कछुआ को दाना डालते समय नजर आया। उन्होंने इस रेंगते हुए कछुए की पीठ पर शिवलिंग को देखा तो ग्रामीणों की मदद से बाहर निकलवाया।
गंगाजल से किया अभिषेक
मंदिर के निकट के लोगों ने ने दुर्लभ प्रजाति के इस कछुए को देखने के बाद कछुए को गंगाजल से स्नान कराकर अभिषेक पूजन किया और बाद में इसे तालाब में ही छोड़ दिया गया। इस दौरान संख्या में लोग जुटे।
पौराणिक महत्व लिए है तालाब
मंदिर के महंत के अनुसार मान्यता है कि इस तालाब में भगवान श्री कृष्ण ग्वाल-वालों के साथ गायों को पानी पिलाने आते थे। यह ग्राम सौंख और मथुरा के बीच उस पार है।
Published on:
30 May 2023 04:16 pm
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