25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिंदल हॉस्पिटल: हाइकोर्ट ने तामील को जारी किए नोटिस

- वेंटीलेटर प्रकरण

2 min read
Google source verification
जिंदल हॉस्पिटल: हाइकोर्ट ने तामील को जारी किए नोटिस

जिंदल हॉस्पिटल: हाइकोर्ट ने तामील को जारी किए नोटिस

भरतपुर. आरबीएम अस्पताल से सरकारी वेंटीलेटरों को शहर के जिंदल हॉस्पिटल को देने के मामले में अधिवक्ता विजय कुमार गोयल की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में पेश की गई जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। इसमें उच्च न्यायालय ने जिंदल हॉस्पिटल के लिए सम्मन की तामील कराने के लिए नोटिस जारी किए हैं। अब जुलाई माह में दूसरी तारीख पर इस मामले की सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि एकमात्र राजस्थान पत्रिका ने ही सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद यह प्रकरण देशभर में सुर्खियों में रहा।
राजस्थान उच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर पांच की डबल बेंच में सोमवार को इस मामले को रखा गया। इसमें जिंदल हॉस्पिटल के लिए सम्मन की तामील के लिए नोटिस जारी करने की बात कहते हुए मामला अगली तिथि को रखने के निर्देश दिए गए। पीआईएल दाखिल करने वाले विजय कुमार गोयल के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल एवं हिना गर्ग की ओर से दाखिल की गई पीआईएल में बताया है कि जिंदल हॉस्पिटल की ओर से राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना में मरीजों से अत्यधिक राशि वसूल की गई। खास बात यह है कि 13 मई को जिला कलक्टर भरतपुर की ओर से बनाई गई जांच कमेटी ने 27 अप्रेल से 13 मई तक जिंदल हॉस्पिटल की ओर से 9 हजार रुपए मरीजों से प्रति दिन वेंटीलेटर सुविधा के लिए प्राप्त किया जाना पाया। जिंदल हॉस्पिटल ने इस राशि को मरीजों से प्राप्त करना स्वीकार करते हुए 1 लाख 62 हजार रुपए राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी भरतपुर को चेक द्वारा भुगतान किया गया है।

पत्रिका ने ऐसे किया मामले का खुलासा

एकमात्र राजस्थान पत्रिका ने नौ मई के अंक में 'गरीबों के हक की सांसों पर रसूख का साया, 10 मई के अंक में 'खौफ: मरता, क्या नहींं करता ..., 11 मई के अंक में 'हाईकोर्ट पहुंचा निजी अस्पताल की मनमानी का मामला, 12 मई के अंक में 'मनमानी पर नहीं टूट रहा जिम्मेदारों का मौन, 13 मई के अंक में 'जिला कलक्टर-हॉस्पिटल संचालक को नोटिस जारी, 14 मई के अंक में 'बड़ा सवाल ... आखिर निजी अस्पतालों में कौन लिख रहा रेमडेसिविर, 15 मई के अंक में 'अब भी मनमाने शुल्क की वसूली, बिल देने से इनकार, 16 मई के अंक में 'अब केन्द्र सरकार का आदेश: आवंटित वेंटीलेटर्स की कराई जाएगी ऑडिट, 17 मई के अंक में 'अफसरों ने लिया निजी अस्पतालों का जायजा, रेट लिस्ट तक नहीं मिली तथा 18 मई के अंक में 'प्रशासन बांट रहा वेंटीलेटर, पीएमओ ने मांगे वापस, 19 मई के अंक में जिंदल हॉस्पिटल ने लौटाए पांच सरकारी वेंटीलेटर, 20 मई के अंक में प्रशासन का गणित: खानापूर्ति या मेहरबानी, 21 मई के अंक में राजकीय शोक के चलते टली सुनवाई, 22 मई के अंक में वेंटीलेटर प्रकरण में जिन पर दोष, सरकार ने उन्हें ही सौंपा जांच का जिम्मा, 25 मई को वेंटीलेटर के किराये पर फंसा पेंच, 26 मई को वेंटीलेटर प्रकरण: हाईकोर्ट की बेंच में हुआ सूचीबद्ध शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। अब तक सिर्फ राजस्थान पत्रिका ही इस प्रकरण को उठा रहा है।