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पहाड़ी पुलिस का गौतस्करों को खुला साथ!

locationभरतपुरPublished: Jun 22, 2021 02:37:36 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-तस्करों की जब्त केंट्रा के थाने से गायब होने का मामला

पहाड़ी पुलिस का गौतस्करों को खुला साथ!

पहाड़ी पुलिस का गौतस्करों को खुला साथ!

भरतपुर. पहाड़ी के कठोल गांव से बरामद की गई एक आयशर केंट्रा के पहाड़ी थाना परिसर से गायब होने के मामले सामने आने के बाद महकमे में हड़कंप की स्थिति बनी रही। राजनीतिक रसूख का दबाव पुलिस पर इतना है कि इतनी बड़ी खामी की जांच के संबंध में आला अफसरों के मुंह से दो आखर बाहर नहीं निकल रहे। सब मुंह में दही जमाकर तमाशा देख रहे हैं। यही वजह है कि पहाड़ी थाने की पुलिस अपने कारनामे पर पर्दा डालने में जुटी हुई है। थाने के एसएचओ का दावा है कि वो इस तरह का कोई वाहन थाने लाए ही नहीं। फिर गायब होने की बात कहां से आ गई। गौरतलब है कि 21 जून के अंक में राजस्थान पत्रिका ने तस्करों से जब्त केंट्रा थाने से गायब, पुलिस ने इसकी जगह दिखाया मिनी ट्रक का चालान शीर्षक से खबर प्रकाशित कर पहाड़ी थाने में चल रहे अपराध के गठजोड़ का खुलासा किया था। खबर में बताया था कि पुलिस ने किस तरह 10 जून की रात कठोल गांव से बरामद की गई एक आयशर केंट्रा को अगले दिन टाटा 407 का चालान बनाकर छोड़ दिया था। खबर प्रकाशन के साथ ही पुलिस का मेवात में एक और कारनामा जगजाहिर हो गया, लेकिन पुलिस है कि अभी भी अपना दामन साफ बताने की हरसंभव कोशिश में लगी है। इसमें उसके आला अफसर भी पूरा साथ दे रहे हैं। मामले में सोमवार को पहाड़ी थाना प्रभारी सुनील कुमार गुप्ता का कहना था कि इस तरह की कोई केंट्रा उनके थाने में लाई ही नहीं गई। अखबार में जो खबर छपी है वो उन्होंने पढ़ी है, फिर भी दिखवा रहे हैं कि यह कौनसी गाड़ी है, कब का फोटो है।
फोटो झूठ नहीं बोलता, बैकग्राउंड में नजर आ रहा थाने का वायरलेस

पत्रिका ने आयशर केंट्रा का जो फोटो प्रकाशित किया है, पुलिस उसे भी नकार रही है। जबकि फोटो में पहाड़ी थाने में लगा वायरलेस का एंटिना केंट्रा के पीछे साफ दिख रहा है। केंट्रा के बगल में अन्य जब्त वाहन भी नजर आ रहे है। जो सोमवार को भी थाने में खड़े थे। पहाड़ी पुलिस के कारनामे लंबे समय से चर्चा में रहे हैं, बीते दिनों तिलकपुरी-कांहौर गांव में पुलिस पर आरोपियों को छोड़ देने का आरोप लगा था। यहां पुलिस ने एक कार को बरामद करने पहुंची थी और एक इनामी बदमाश को भी पकड़ लिया, लेकिन ग्रामीणों के विरोध करने पर उसे छोडऩ़ा पड़ा था। हालांकि गोपालगढ़ पुलिस कार व पुलिस की प्राइवेट गाड़ी को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर लाने में सफल रही थी, लेकिन फिर भी पहाड़ी पुलिस ने गोपालगढ़ थाने में इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं कराया।
कामां सर्किल की पुलिस का विवादों से नाता

हकीकत यह है कि कामां सर्किल के कामां, पहाड़ी, जुरहरा, कैथवाड़ा, गोपालगढ़, जुरहरा के अलावा मेवात के हर थाने का विवादों से नाता रहा है। कभी गौतस्करों का सहयोग करने तो कभी खननमाफिया का साथ निभाने तो कभी राजनैतिक रसूख के दबाव में अपराधियों के साथ सांठगांठ का आरोप। कुछ माह पहाड़ी के तत्कालीन एसएचओ ने हिम्मत दिखाते हुए कार्रवाई की ता उन्हें वहां से हटा दिया गया। मतलब साफ है कि मेवात के थानों में हां मिलाने वाले अधिकारियों की डिमांड अधिक हो रही है।

-पत्रिका में छपी खबर के आधार पर पहाड़ी थाना प्रभारी से इस संबंध में वस्तुस्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रदीप कुमार यादव, सीओ कामां

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